खास बातें
- सड़कों पर मौजूद धूल और वायु प्रदूषण व्यक्ति को बना रहे एलर्जिक
- इसके चलते मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि
- दिल्ली को किया जा चुका सर्वाधिक प्रदूषित शहर
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण आप लोगों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्या आपने कभी सोचा है? जिन लोगों को अस्थमा और सांस से संबंधित परेशानियां होती हैं, उनके लिए यह समस्या सबसे ज़्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। सड़कों पर मौजूद धूल, वायु में बढ़ता प्रदूषण, कई ऐसे कारण हैं, जो इंसान को एलर्जिक बना रहे हैं।
हमें ऐसा लगता है कि बारिश के समय धूल-मिट्टी पानी पड़ने की वज़ह से बैठ जाती है, लेकिन मॉनसून के बाद भी दिल्ली में प्रदूषण लगातार उच्चस्तर पर बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अध्ययन के अनुसार, मॉनसून के बाद कुछ जगहों पर हवा की गुणवत्ता अच्छी हो गई है, लेकिन दिल्ली में उस स्तर पर नहीं पहुंची है, जिसे मनुष्यों के लिए सुरक्षित माना जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि “सर्वे के दौरान पाया गया कि शीत काल में वाराणसी और फरीदाबाद में प्रदूषण का उच्चस्तर दर्ज किया गया था, दिल्ली के ठीक विपरीत मॉनसून के दौरान और उसके बाद यह काफी सुधर गया”। इस साल मॉनसून के दौरान अमेरिकी दूतावास की ओर से इसी तरह की प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद यह सर्वे किया गया है।
सर गंगाराम अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष एस. पी. बयोत्रा ने कहा कि “मॉनसून के बाद अक्सर वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार होता है, क्योंकि वर्षा धूलकणों को साफ करने में मदद करती है। हालांकि धुआं वर्षा से शायद ही प्रभावित होता है। यही वजह है कि द्वितीय श्रेणी के शहर जैसे वाराणसी की तुलना में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पाता है”।
डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण और धूल के बढ़ने की वज़ह से लोगों को सांस लेने में परेशानी और एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके चलते मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। बायोत्रा ने कहा कि “पहले सांस की समस्या और एलर्जी के मरीजों की संख्या शीतकाल में बढ़ती थी, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के साथ इस तरह के मरीज अब हमें पूरे साल मिलते हैं”।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2014 में दिल्ली को पहले ही दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहर के रूप में घोषित कर दिया था और नए आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली वासियों को मॉनसून के बाद भी जहरीली हवा से निजात नहीं मिलेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सऊदी अरब में रियाद के बाद दिल्ली दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषित शहर है।
(इनपुट्स आईएएनएस से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)