NDTV Food | Updated: April 26, 2020 12:26 IST
Akshay Tritiya 2020: यहां जानें अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Akshay Tritiya 2020: आज अक्षय तृतीया है. वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पावन पर्व आज है यानी 26 अप्रैल को मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया को आखा तीज या अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे और इस वजह से अक्षय तृतीया का ये दिन हिंदुओं के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से धन संपदा में अक्षय वृद्धि होती है. अक्षय तृतीया के दिन हरीहर अर्थात् भगवान विष्णु एवं शिव की संयुक्त पूजा करना भी फलप्रद है. अक्षय तृतीया के महत्व (Significance Of Akshay Tritiya) को इसी बात से समझा जा सकता है कि अक्षय तृतीया सभी तिथियों में सबसे शुभ तिथि मानी गई है. इस तिथि पर सभी तरह के शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किए जा सकते हैं. हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया सभी पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली शुभ तिथि है. इस तिथि पर किया गया कोई भी शुभ कार्य जरूर सफल होता है.
अक्षय तृतीया के पावन मौके पर भगवान को भोग लगाना चाहिए. आप अपनी इच्छानुसार भोग लगा सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें, भगवान को सात्विक आहार का भोग लगाया जाता है. भगवान को भोग लगाने के बाद, भोग का हिस्सा गाया को खिला दें और बाकी को परिवाार के सभी लोगों में बांट दें. अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु को सत्तू-ककड़ी का भोग लगा सकते हैं.
सामग्री
1 चम्मच केसर
100 ग्राम काजू, टूटी हुई
6 बड़े चम्मच चीनी
1/2 टीस्पून हरी इलायची पाउडर
2 चादरें चांदी की वरक
बनाने का तरीका
- काजू को बारीक पाउडर में पीस लें.
- एक नॉन-स्टिक पैन में पर्याप्त पानी गरम करें.
- चीनी और केसर डालें, मिलाए और चाशनी के गाढ़ा होने तक पकाएं.
- इलायची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं.
- काजू का पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं, लगभग 3 मिनट तक पकाएं.
- थैली पर मिश्रण फैलाएं और इसे कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें.
- एक वर्कटॉप पर मिश्रण को रखें और थोड़ा गूंधें.
- मिश्रण को बर्फी ट्रे में फैलाएं और सेट होने दें.
अक्षय तृतीया के दिन प्रात:काल 06 बजकर 36 मिनट से दिन में 10 बजकर 42 मिनट के मध्य भगवान विष्णु के पूजन का उत्तम मुहूर्त है.
प्रातःकाल गंगा-स्नान करके भगवान विष्णु देव का चन्दन युक्त जल से स्नान कराएं. फिर उनको इत्र का लेपन कर चन्दन लगाएं. इसके बाद “शुक्लाम्बर धरम देवम शशिवर्णम चतुर्भुजम, प्रसन्नवदनम ध्यायेत सर्व विघ्नोपशांतये।।” इस मन्त्र से तुलसी दल चढाएं. संभव हो तो बेला का फूल चढ़ाते हुए “माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। मया ह्रितानि पुष्पाणि पूजार्थम प्रतिगृह्यताम।।” मन्त्र का उच्चारण करें.
पूजन के बाद गुड़, चने के सत्तू और मिश्री का भोग लगाएं। यदि सम्भव हो तो दूध, दही, शुद्ध घी, शहद एवं चीनी से युक्त पंचामृत का स्नान कराएं. इस दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें. “पंचामृतम मयानीतम पयो दधि घृतम मधु शर्करा च समायुक्तम स्नानार्थम प्रति गृह्यताम।।” इस प्रकार अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु का पूजन करने से घर में धन-धान्य की अक्षय वृद्धि होती है।
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