Basant Panchami: मान्यता है कि बुद्धि और विद्या और धन का सही इस्तेमाल करने के लिए महालक्ष्मी और सरस्वती की पूजा एक साथ की जाती है.
खास बातें
- आज देश भर में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है.
- बसंत पंचमी में मां सरस्वती को पीले रंग के भोग और फूल अर्पण किए जाते हैं.
- विद्या की देवी को आप हलवे का प्रसाद चढ़ा सकते हैं.
Basant Panchami Special 2021: आज देश भर में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है. शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. यह तो सभी जानते हैं कि विद्या से बढ़कर कोई धन नहीं है. यह भी कहा जाता है कि जिस पर मां सरस्वती की कृपा होती है, उस पर मां लक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसाती हैं. बुद्धि और विद्या के बिना धन का सही इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, इसलिए महालक्ष्मी और सरस्वती की पूजा एक साथ की जाती है. इस पर्व का शिक्षा और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोग साल-भर इंतजार करते हैं. इस दिन देश भर में शिक्षक और छात्र मां सरस्वती की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान बनाने की प्रार्थना करते हैं. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. मान्यता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुईं थी और इसीलिए इस तिथि में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी में मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और उनका आर्शीवाद मिलता है. विद्या की देवी सरस्वती का जन्मदिवस वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है, इस पर्व के साथ शुरू होने वाली वसंत ऋतु के दौरान फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों में सरसों सोने की तहर चमकने लगता है, जौ और गेहूं की बालियां खिल उठती हैं. बसंत पंचमी में मां सरस्वती को पीले रंग के भोग और फूल अर्पण किए जाते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त और भोग.
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