Benefits of Haldi: इन आसान तरीकों से करें हल्दी का सेवन और जाने उससे जुड़े फायदे

हल्दी विभिन्न औषधीय लाभों का खजाना है और इसे हमारे देसी सुपरफूड के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी सामग्री है जिसका हर भारतीय रसोई के अंदर एक स्थायी स्थान है.

Benefits of Haldi: इन आसान तरीकों से करें हल्दी का सेवन और जाने उससे जुड़े फायदे

खास बातें

  • भारतीय रसोई के अंदर हल्दी का एक स्थायी स्थान है.
  • हल्दी के काफी स्वास्थ्य लाभ हैं.
  • हल्दी का प्रमुख घटक क्युरक्यूमिन होता है.

भारत जड़ी-बूटियों और मसालों का देश है, जिनका इस्तेमाल काफी चीजों में किया जाता है. भारत में मौसम बदलने के साथ हमारी किचन पेन्ट्रीज का स्टॉक भी बदल जाता है, लेकिन इनमें से कुछ मसाले ऐसे होते हैं जो साल भर हमारी रसोई में बने रहते हैं. ऐसा ही एक मसाला है हल्दी, यह देसी मसाला विभिन्न औषधीय लाभों का खजाना है और इसे हमारे देसी सुपरफूड के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी सामग्री है जिसका हर भारतीय रसोई के अंदर एक स्थायी स्थान है. चमकीले पीले-नारंगी रंग और एक मजबूत खुशबू के साथ, हल्दी में एक अद्वितीय मिट्टी का स्वाद होता है. इसमें मौजूद क्युरक्यूमिन की वजह से करी में पीला-नारंगी रंग आता है. हल्दी सबसे शक्तिशाली मसालों में से एक है, हल्दी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फायदेमंद तो है ही और दिलचस्प हल्दी व्यंजनों के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

अनगिनत उपयोग होने के अलावा, हल्दी के काफी स्वास्थ्य लाभ हैं. एक बढ़िया एंटीऑक्सिडेंट होने से लेकर एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे गुण होने के कारण हल्दी को अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए आपके पास कई कारण हैं. प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग काफी दवाओं में किया जाता रहा है. स्वास्थ्य के लिहाज से हल्दी का इस्तेमाल बहुत से व्यंजनों में किया जाता है तो चलिए जानते हैं हल्दी से होने वाले ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में.

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हल्दी से होने वाले लाभ:

पाचन में सहायक: 

हल्दी का प्रमुख घटक क्युरक्यूमिन होता है, पित्त उत्पादन को सक्रिय करता है और पाचन को बढ़ाता है. पित्त रस के स्राव में वृद्धि से पाचन में मदद मिलती है. इसके अलावा यह सूजन और गैस के लक्षणों को कम करने के लिए भी जाना जाता है.

घाव को भरने का गुण: 

किसी भी घाव या संक्रमण के इलाज के लिए हम सभी के माता-पिता और दादा दादी अक्सर हल्दी वाला दूध या हल्दी वाली चाय पीने की सलाह देते हैं. इसके एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों की वजह से हल्दी को ऐसे विकारों के उपचार के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है. तो अगली बार जब आप जले या कटे का सामना करें, तो बस एक चुटकी हल्दी छिड़कने या हल्दी वाला दूध पीने की कोशिश करें.

बूस्ट इम्युनिटी:

हल्दी में लिपोपॉलीसेकेराइड नामक एक पदार्थ पाया जाता है जिसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का काम करते हैं.

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मस्तिष्क के लिए अच्छा: 

विभिन्न चिकित्सा शोधों के अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन मस्तिष्क की स्टेम कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करता है - वही स्टेम कोशिकाएं जो अल्जाइमर या स्ट्रोक जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से उबरने में मदद कर सकती हैं

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आमतौर पर सब्जियों हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. मगर आप चाहे तो अन्य चीजों में भी हल्दी डाल सकते हैं. हल्दी कुल्फी, चटनी, टॉक्स हल्दी टी और एंटी एजिंग हल्दी ड्रिंक जैसी चीजे बनाकर आप हल्दी का सेवन कर सकते हैं.