Bhai Dooj 2018: कब है भाई दूज, पूजा विधि, तिथि, मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त

भाई दूज 2018: इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं.

Bhai Dooj 2018: कब है भाई दूज, पूजा विधि, तिथि, मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त

भाई दूज 2018: इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं.

खास बातें

  • भैया दूज दीपावली के अगले दिन या दूसरे दिन मनाया जाता है.
  • इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं.
  • यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है.

Bhai Dooj 2018: भैया दूज दीपावली के अगले दिन या दूसरे दिन मनाया जाता है. भाई दूज या यम द्वितीया कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है. भाईदूज के दिन बहनें भाई को टीका करती हैं. अगर आप यह जानना चाहते हैं कि भाई दूज कब है (Bhai Dooj 2018 Date), तो आपको बता दें कि इस साल भाई दूज 9 नवंबर को मनाया जाएगा. भाई दूज या भैया दूज (Bhai Dooj) दिवाली के 2 दिन बाद आता है. दिवाली पर्व (Deepawali 2018) को बड़ी-भूम धाम से मनाया जाता है. दिवाली पर्व (Diwali 2018) की तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती हैं. क्योंकि दिवाली का पर्व 5 दिनों तक चलता है. धनतेरस (Dhanteras) से शुरू होकर भाईदूज (Bhai Dooj) तक इस त्योहार को मनाया जाता है. अगर आप सोच रहे हैं कि क्यों मनाया जाता है भाई दूज, तो इसका जवाब हम देते हैं (Bhai Dooj History, Significance). टीके में बहनें भाई के के उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कब है भाई दूज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और तिलक समय.

 

भाई-बहन के परस्पर प्रेम और स्नेह का प्रतीक त्यौहार पूरे देश में मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई दूज या भैया दूज का यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह त्‍योहार 21 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करेंगी. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

 

Bhai Dooj 2018: कब मनाई जाती है भाई दूज या भैया दूज - When to Celebrate Bhaiduj in Hindi

शास्त्रों के अनुसार कार्तिक में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अपराह्न यानी दिन के चौथे भाग में भाई दूज मनाई जानी चाहिए. माना जाता है कि अगर अपराह्न के वक्त द्वितीया तिथि लग जाए तो उस दिन भाई दूज नहीं मनानी चाहिए. मान्यता के अनुसार ऐसे में भाईदूज अगले दिन मनानी चाहिए. हां, अगर ऐसा हो जाए कि अपराह्न के वक्त द्वितीया तिथि नहीं लगे तो भाई दूज या भैया दूज अगले दिन मनाई जाती है. वहीं, कुछ लोग कार्तिक शुक्ल पक्ष में मध्याह्न यानी दिन के तीसरे भाग में प्रतिपदा तिथि शुरू होने पर भाईदूज मनाते हैं. 

 

 

कैसे मनाएं भाई दूज या भैया दूज- How to Celebrate Bhaiduj in Hindi


भाई दूज भी रक्षाबंधन की तरह है भाई-बहन के रिश्ते को मनाने का त्योहार है. भाईदूज दोपहर के बाद मनाया जाता है. इस दिन दोपहर के बाद बहनें भाई को तिलक करती हैं. कुछ बहनें इस दिन दोपहर तक व्रत भी रखती हैं. इस दिन दोपहर के बाद यम पूजन करने का भी प्रावधान है. 

 

भाई दूज या भैया दूज के शुभ मुहूर्त: Bhaiduj Shubh Muhurt

 

शुभ मुहूर्त शुरू- दोपहर 1:10 मिनट
शुभ मुहूर्त समाप्त- दोपहर 3:27 मिनट
शुभ मुहूर्त की अवधि- 2 घंटे 17 मिनट

 

 

कैसे करें भाई दूज पर पूजा विधि - Bhai Dooj Puja Vidhi


भाईदूज, भाई दूज या भैया दूज की पूजा बहनों द्वारा की जाती है. इस दिन सबसे पहले नहाथोकर तैयार हो जाएं. फिर आटे का चौक तैयार कर लें. अगर आप व्रत करती हैं तो सूर्य को जल देकर व्रत शुरू करें. शुभ मुहूर्त आने पर भाई को चौक पर बिठाएं और उसके हाथों की पूजा करें. सबसे पहले भाई की हथेली में चावल का घोल लगाएं. फिर उसमें सिंदूर, पान, सुपारी और फूल वगैरह रखें. अंत में हाथों पर पानी अर्पण कर मंत्रजाप करें. इसके बाद भाई का मुंह मीठा कराएं और खुद भी मीठा खाएं. शाम के समय यमराज के नाम का दीया जरूर जलाएं. 

भाई दूज या भैया दूज पर तिलक करते समय पढ़े ये मंत्र

गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को.
सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें.

 

Happy Bhai Dooj!

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