साउथ दिल्ली के ओखला और बाटला हाउस इलाके में जाकर मध्य पूर्वी देश जैसे ईरान, इराक, सऊदी अरब और फ़िलिस्तीन समेत नॉर्थ अफ्रीका के अल्जीरिया और ट्यूनीशिया से आए खजूर खरीदे जा सकते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास ज़ाकिर नगर में मोहम्मद शादाब एक फल विक्रेता हैं। हर साल वह रमज़ान के महीने में आज़ादपुर (होलसेल बाज़ार) मंडी से हर तरह के खजूर खरीदकर दुकान को सजाते हैं।
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शादाब का कहना है कि रमज़ान के दिनों में खजूर की डिमांड काफी बढ़ जाती है, जिससे हम जैसे विक्रेताओं को काफी फायदा होता है। हालांकि खजूर के दाम पिछले साल के मुताबिक बढ़े हैं, बावजूद इसके इन्हें बेचकर हमें फायदा हो रहा है।
बाटला हाउस मार्केट में खजूर बेचने वाले अशरफ खान का कहना है कि वह ख़ासतौर से अजवा क्वॉलिटी के खजूर पसंद करते हैं, जिसे लोग पोषक तत्वों से भरा मानते हैं। ये खजूर सऊदी अरब से आते हैं। यह एक किलो 3,200 रूपये के होते हैं, जो राजधानी में सबसे ज़्यादा बिकते हैं। रमज़ान के महीने में खजूर की बिक्री दोगुना बढ़ जाती है।
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एग्रो प्रोडक्ट्स के मुताबिक खजूर तीन तरह के होते हैं। मुलायम खजूर जैसे बरही, हलवी, खडराय और मेडजूल में चीनी कम और नमी ज़्यादा होती है। हल्की सूखी वैराइटी जैसे डेरी, ज़ाहीडिन और डेग्लेट नूर की अगर बात करें, तो इनमें नमी कम, चीनी ज़्यादा और कड़क गूदा होता है। तीसरे और आखिरी तरह के खजूर ठूरी, जो एकदम सूखे होते हैं, इनमें चीनी की मात्रा काफी होती है। तो इन रमज़ान आप कहां के खजूर खरीदने का प्लान कर रहे हैं?