क्या होगा Chandra Grahan 2018 का समय-
चंद्रमा 28 जुलाई को तड़के 1 बज कर 52 मिनट से 2 बज कर 43 मिनट तक सबसे ज्यादा अंधकार में रहेगा. इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण एक घंटे 43 मिनट का होगा, जबकि आंशिक ग्रहण एक घंटे से अधिक समय का होगा. दुआरी ने बताया कि आंशिक चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और पूर्ण चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को तड़के एक बजे शुरू होगा.
यह भी बताते चलें कि इस अवधि के बाद 28 जुलाई को तड़के 3 बज कर 49 मिनट तक आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा. भारत में खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह स्वर्णिम अवसर होगा क्योंकि ग्रहण लगभग पूरी रात दिखाई देगा.' 27 जुलाई को पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के मध्य हिस्से से होकर गुजरेगा.
रोज खाएंगे 1 संतरा तो आंखों को होंगे अनेक फायदे...
Chandra Grahan में इस बात का रखें ध्यान-
क्या चंद्र ग्रहण को बिना किसी उपकरण के आंखों से देखना सुरक्षित होगा? तो सौर ग्रहण देखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की तरह चंद्र ग्रहण देखने के लिए कोई विशेष उपकरण की जरूरत नहीं है. किसी को भी ग्रहण देखने के लिए टेलीस्कोप की जरूरत नहीं है. हालांकि अच्छी क्वालिटी वाली दूरबीन से बेहतर अनुभव मिलेगा.
फेक्ट फाइल- क्यों कहा जाता है इसे ब्लड मून (Blood Moon)
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है और एक दुर्लभ घटना के तहत गहरे भूरे रंग से और अधिक गहरा हो जाता है. यही कारण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है और उस समय इसे ब्लड मून कहा जाता है.
सौर मंडल का यह लाल ग्रह 15 वर्षों में पहली बार पृथ्वी के सबसे नजदीक आ रहा है. अगले मंगलवार को दोनों ग्रह एक-दूसरे से महज 5.76 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होंगे और शुक्रवार को मंगल ग्रह पृथ्वी से विपरीत दिशा में होगा. इसका मतलब है कि मंगल ग्रह और सूरज पृथ्वी के ठीक दूसरी तरफ होंगे. इसी दिन दुनियाभर में पूर्ण चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा दिखेगा. मंगल ग्रह जब पृथ्वी के पास आएगा तो वह और दिनों के मुकाबले ज्यादा चमकीला होगा. खगोलविदों को अगस्त की शुरुआत में इसका अच्छा नजारा दिखने की उम्मीद है.
नासा के अनुसार, अगली बार वर्ष 2020 में मंगल गृह पृथ्वी के सबसे नजदीक आएगा. तब दोनों की दूरी 6.2 करोड़ किलोमीटर होगी. पूर्ण चंद्र ग्रहण शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों में दिखाई देगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है और एक दुर्लभ घटना के तहत गहरे भूरे रंग से और अधिक गहरा हो जाता है. यही कारण है कि ऐसे पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय दिखने वाले चांद को ब्लड मून कहा जाता है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे लंबा एक घंटे 43 मिनट का होगा.
खाने का रखें ध्यान-
यह माना जाता है कि चंद्रमा का चक्र इंसानी शरीर पर अपना प्रभाव छोड़ता है. यह प्रभाव शारीरिक औरर मानसिक दोनों तरह का होता है. इसी तरह lunar eclipse यानी ग्रहण से जुड़े कई तरह की प्रथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. इन्हीं मान्यताओं में से एक यह भी है कि ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना नहीं चाहिए और न ही पकाना चाहिए.
ध्यान रखें कि जब भी आप ग्रहण के बाद खाना पाकाएं तो आप चाहे जैसे इसे पका सकते हैं. लेकिन इसे सेहतमंद बनाने के लिए अच्छा होगा कि आप इसमें हल्दी का इस्तेमाल करें. यह आपकी immunity को बेहतर करेगी और overall health के लिए काफी अच्छी साबित होगी.
यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि वे लोग जो बीमार हैं या जो बुजुर्ग हैं उन्हें इस दौरान उपवास नहीं करना चाहिए. लेकिन वे इस दौरान हल्का सात्विक भोजन ले सकते हैं. जो पचने में आसान हो और पेट के लिए भी हल्के हों. इस दौरान खाने में आप मेवे ले सकते हैं. यह कम मात्रा में खाने पर भी शरीर को पूरी एनर्जी देंगे.
इसके बाद आपको कुछ ऐसी ही नजारा साल 2028 में 31 दिसंबर को देखने को मिलेगा... (इनपुट भाषा से)