डायबिटीज़ के खतरे का कम करना हो, तो खाएं डार्क चॉकलेट

डायबिटीज़ के खतरे का कम करना हो, तो खाएं डार्क चॉकलेट

लंदन:

बचपन में मेरी मम्मी मुझे रोज़ एक चॉकलेट देती थी, जिसे पाकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहता था। मुंह में घुल जाने वाली चॉकलेट की मैं दिवानी थी। खाने की जगह अगर मुझे चॉकलेट मिलती थी, तो मैं वहीं खाना पसंद करती थी। मेरी मम्मी कहती थीं कि ज़्यादा चॉकलेट खाने से दांत में कैविटी लग जाएगी, लेकिन मेरा कोई भी दिन चॉकलेट खाए बिना नहीं निकलता था।

घर में गेस्ट द्वारा लाए गए चॉकलेट के डिब्बे में मिनटों में चट कर जाती थी। अभी भी मुझे चॉकलेट खाना बेहद पसंद है। दुकान पर चॉकलेट रखी देख मुझे मस्ती आ जाती है और सोचती हूं कि एक खरीद कर खा ही लेती हूं। क्या आपको भी चॉकलेट खाना इतना ही पसंद है? अगर हां, तो मेरे पास आपके लिए यह अच्छी खबर है।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि रोजाना गहरे रंग की चॉकलेट का एक टुकड़ा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है। इसे साबित करने के लिए उन्होंने करीब 18 से 69 साल के बीच की उम्र वाले 1,153 लोगों में हृदय जोखिम की जांच करते हुए अध्ययन किया।

इसमें उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने रोज़ाना 100 ग्राम चॉकलेट खाया, उनमें इंसुलिन प्रतिरोध में कमी और लीवर एंजायम में सुधार देखा गया। हम सभी जानते हैं कि इंसुलिन की प्रतिरोधी क्षमता में बढ़ोतरी हृदय रोग का खतरा बढ़ाती है।

यह अध्ययन ‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन’ में प्रकाशित किया गया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक मेडिकल स्कूल इन इंगलैंड के विजिटिंग शिक्षाविद सावेरियो स्ट्रांजेज ने बताया कि “हमारे अध्ययन से यह बात साबित होती है कि कोकोआ से बने उत्पाद, कार्डियो मेटाबॉलिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं”।


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