डेंगू और ज़ीका दोनों ही एक ही तरह के मच्छर से फैलते हैं
कनाडा के टोरंटो यूनिवर्सिटी में हुआ शोध
डेंगू रोकने के लिए लगाए टीके से बढ़ सकता है ज़ीका का प्रकोप
डेंगू बुखार से बचाव का टीका जीका के प्रकोप को बढ़ा सकते हैं। एक अध्ययन के बाद इस टीके के खिलाफ कनाडा और चीन के शोधकर्ताओं के दल ने चेतावनी दी है। डेंगू और जीका दोनों ही फ्लेविविरिडा वायरस परिवार का हिस्सा हैं, जो एक ही तरह के मच्छर से फैलते हैं। शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि एक के लिए टीका लगाने का प्रभाव दूसरे पर किस तरह का पड़ेगा।
इन शोधकर्ताओं में शामिल कनाडा के टोरंटो स्थित यॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जियानहोंग वू ने कहा, "एक वायरस के खिलाफ टीका लगाने से न केवल दूसरे वायरस को प्रभावित करेगा, बल्कि दूसरे के लिए फैलना आसान हो जाएगा।"
यह शोध साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस शोध के जरिए जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की पहचान की गई है।
दुनिया की एक-तिहाई से अधिक आबादी उन इलाकों में रहती है, जहां डेंगू होने के साथ जीका से भी संक्रमित होने की खबरें आती रहती हैं। वू ने कहा, "हाल में मिले सबूतों से पता चलता है कि डेंगू वायरस को रोकने के लिए लगाए जाने वाले टीके से जीका वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है। इस वजह से हम लोगों ने एक नया गणित मॉडल विकसित किया है, ताकि डेंगू के टीके के प्रभाव से जीका के फैलाव के बारे में जांच हो सके।"
इस टीम के मॉडल से पता चलता है कि डेंगू के टीके से जीका से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ गई।
शोध में यह भी पाया गया है कि डेंगू के टीके से जीका पर प्रभाव को कम करने का सर्वाधिक प्रभावशाली तरीका एक समेकित रणनीति के जरिए है, जिसमें मच्छर नियंत्रण शामिल है।
चीन के जियाओतोंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यान्नी जियाओ के अनुसार, "हमारा निष्कर्ष यह है कि मानव को डेंगू से बचाव के लिए टीका लगाने से जनता के बीच जीका का प्रकोप बहुत अधिक बढ़ सकता है। इसलिए डेंगू और जीका के प्रकोप से बचाने के लिए एकीकृत ढंग से नियंत्रण के उपाय के लिए और अध्ययन की जरूरत है।"
शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि यह निष्कर्ष डेंगू के टीके वाले उत्पादों को विकसित करने और उन्हें बढ़ावा देने से हतोत्साहित नहीं करते। हालांकि यह समझने के लिए अभी और काम करने की जरूरत है कि डेंगू टीकाकरण कार्यक्रमों को किस तरह से सबसे अनुकूल तरीके से काम में लाया जा सकता है और जीका के प्रकोप के खतरे को कम किया जा सकता है।
डेंगू के लिए टीके विकसित किए गए हैं और उनका इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अभी जीका के लिए कोई टीका नहीं है।
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