हैपेटाइटिस-सी के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है शराब

हैपेटाइटिस-सी के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है शराब

न्यूयॉर्क:

शराब का सेवन लिवर के खराब होने और हैपेटाइटिस-सी वायरस से मौत के खतरे को बढ़ा सकता है। यह जानकारी एक ताजा अध्ययन से मिली है। हैपेटाइटिस-सी से पीड़ित अधिकतर लोग या तो पहले या वर्तमान समय में अधिक शराब पीने वाले होते हैं। हैपेटाइटिस-सी के मरीजों के लिए शराब का सेवन विशेष रूप से नुकसानदेह है।

अध्ययन के परिणाम से पता चलता है कि हैपेटाइटिस सी से संक्रमित लोग हैपेटाइटिस-सी से नहीं संक्रमित या जो कभी शराब नहीं पीते या अधिक शराब नहीं पीते उनकी तुलना में प्रतिदिन तीन गुना या कहें तो पांच या छह बार अधिक शराब पीते हैं।

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन्स डिवीजन ऑफ वायरल हैपेटाइटिस के अंबर एल. टेलर कहते हैं कि शराब हैपेटाइटिस सी से पीड़ित लोगों में अंगों में रेशेदार तंतुओं का तेजी बनने की बीमारी फाइब्रोसिस और लिवर के सामान्य काम करने में बाधा उत्पन्न करने वाली बीमारी सिरोसिस को तेजी से बढ़ाता है। इसकी वजह से उनके लिए शराब पीना एक जानलेवा गतिविधि हो जाती है।

यह अध्ययन रिपोर्ट 'अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसीन' में प्रकाशित हुई है। इसमें टेलर कहते हैं, वर्ष 2010 में हैपेटाइटिस-सी से पीड़ित लोगों में शराब से जुड़ी लिवर की बीमारी से मरने का तीसरा सबसे बड़ा कारण था।

शराब पीने और हैपेटाइटिस-सी के बीच का रिश्ता समझने के लिए जांचकर्ताओं ने खुद कौन कितनी शराब पीता है इसकी जानकारी ली।

इस अध्ययन दल ने हैपेटाइटिस-सी से संक्रमण दर को जानने के चार समूहों का अध्ययन किया। पहला समूह जो जीवन में कभी शराब नहीं पीने वाला था, दूसरा पहले शराब पीता था, एक समूह ऐसा था जो शराब अब भी पीता था लेकिन अधिक नहीं और चौथा समूह वर्तमान समय में अधिक शराब पीने वालों का था।

जिन लोगों ने इस अध्ययन में हिस्सा लिया था और हैपेटाइटिस-सी से संक्रमित पाए गए थे। उनमें से आधे को इसका पता नहीं था कि उन्हें हैपेटाइटिस-सी है।

टेलर कहते हैं कि हैपेटाइटिस-सी के संक्रमण के साथ जी रहे सभी लोगों में आधे को तो जब वे शराब पीते थे तो उन्हें संक्रमित होने का पता भी नहीं था और न ही उन्हें सेहत को गंभीर खतरे के बारे में कोई जानकारी थी।

इस अध्ययन के द्वारा मुहैया कराई गई नई जानकारी हैपेटाइटिस-सी होते हुए भी कौन कितना शराब पीता है उस पर रोशनी डालने में मददगार है।

इससे जिन मरीजों का इलाज चल रहा है उनका और जो इसमें हस्तक्षेप चाहते हैं दोनों के लिए जो सबसे बेहतर मार्गदर्शन में इस अध्ययन का निष्कर्ष मददगार हो सकता है।

इसमें रणनीति इस पर जोर देने की होनी चाहिए कि जिन लोगों की जांच नहीं की गई है उन लोगों में हैपेटाइटिस-सी की जांच कराने के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, ताकि इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके और जो इससे संक्रमित हैं उनका जीवन बचाने के लिए उनका इलाज शुरू किया जा सके।
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com