Aditi Ahuja | Translated by: Payal | Updated: October 23, 2020 18:29 IST
नवरात्रि के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है, जहां नवरात्रि का त्योहार समाप्ति की ओर बढ़ रहा है वहीं हम दशहरा और दुर्गा पूजा जैसे अन्य त्योहारों को मनाने के लिए तैयार है. दशहरे को विजयदशमी भी कहा जाता है जो नवरात्रि खत्म होने के बाद होता है. दशहरे के साथ ही दुर्गा पूजा भी होती है जिसका बंगालियों के लिए विशेष महत्व होता है. दशहरे के 21 दिनों के बाद हर साल दिवाली का त्योहार मनाया जाता है, इन सभी त्योहारों को भारत में बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
दशहरा हिंदू कैलेंडर के अश्विन या कार्तिक महीनों के दसवें दिन मनाया जाता है. इस साल दशहरा रविवार, 25 अक्टूबर, 2020 को मनाया जाएगा.
विजय मुहूर्त - दोपहर 01:57 से दोपहर 02:42 तक
अवधि - 00 घंटे 45 मिनट
बंगाल विजयदशमी: सोमवार, 26 अक्टूबर, 2020
अपराह्नपूजा समय - दोपहर 01:12 बजे से 03:27 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 15 मिनट
दशमी तिथि शुरू होती है - सुबह 07:41 से 25 अक्टूबर, 2020 को
दशमी तिथि समाप्त होती है - 09 अक्टूबर, 2020 को सुबह 09:00 बजे
श्रवण नक्षत्र शुरू होता है - सुबह 01:28 से 24 अक्टूबर, 2020 को
श्रवण नक्षत्र समाप्त - 25 अक्टूबर, 2020 को प्रातः 02:38 बजे
(स्रोत: द्रिकपंचाग डॉटकॉम)
रामायण की ऐतिहासिक लड़ाई में लंका के राजा, रावण पर भगवान राम की जीत की याद दिलाता है. भगवान श्रीराम ने रावण को हराया और अपनी पत्नी सीता को उसकी कैद से छुड़ाया. दशहरा शब्द दो संस्कृत शब्दों से आया है - 'दशा' जो रावण के दस सिरों का प्रतीक है, और 'हारा', जिसका अर्थ है 'पराजित करना'. दशहरा 'बुराई पर अच्छाई की जीत' का प्रतीक है.
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दशहरे के मौके पर रावण, कुंभकर्ण (रावण के भाई) और मेघनाद (रावण के पुत्र) के बड़े बड़े पुतले लगाएं जाते हैं जिन्हें शाम को जलाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जब आप पौराणिक राक्षसों के पुतलों को स्थापित कर उन्हें जलाते हैं, तो आप अपने अंदर के राक्षस को भी खत्म कर देते हैं.
हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान रामलीला का नाटक खेला जाता है जिसका अंत दशहरे वाले दिन रावण के पुतले को जलाएं जाने के साथ होता है.
कई घरों में दशहरे पर पूजा करने का रिवाज होता है जिसमें वह भगवान श्रीराम को भोग अर्पित करते हैं. उत्तर भारतीय लोग प्रसाद के लिए चवाल की खीर, गुड़ के चवाल, बूंदी के लड्डू बनाते हैं.
महाराष्ट्र में 'कड़कनी'व्यंजन बनाया जाता है, यह एक मीठा और नमकीन व्यंजन है, इसे हरी मिर्च की चटनी के साथ बनाकर परिवार और मेहमानों को परोसा जाता है.
बंगाली लोग इस अवसर पर अपनी लोकप्रिय मिठाई जैसे राजभोग, संदेश और पयेश बनाते हैं.
दक्षिण भारत में दशहरे पर पयासम बनाया जाता है.
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