मानसिक विकार नहीं, बल्कि दिल से है मिर्गी रोग का संबंध

मानसिक विकार नहीं, बल्कि दिल से है मिर्गी रोग का संबंध

न्यूयाॉर्क:

ज़्यादातर डॉक्टर एपिलेप्सी यानी मिर्गी रोग को मानसिक विकार करार देते हैं, लेकिन एक नए शोध से यह बात सामने आयी है कि हृदय का मिर्गी रोग से संबंध होता है। शोधकर्ताओं को एक अध्ययन में हृदय की गतिशीलता में कुछ बदलावों की वजह से बच्चों में मिर्गी रोग के लक्षण देखने को मिले। 

अमेरिका की केस वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक रॉबटरे फर्नाडीज गलान ने बताया, "हृदय दर परिवर्तनशीलता के अध्ययन से पता चला है कि नींद के दौरान पैरसिम्पथेटिक नर्वस प्रणाली में मिर्गी प्रभावी हो जाती है।" 

उन्होंने कहा, "लेकिन हम नहीं जानते कि यह विचित्रता मिर्गी की अचानक क्षतिपूर्ति करता है।" 

इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने सामान्य मिर्गीग्रस्त 91 बच्चों और किशोरों का अध्ययन किया। 

शोधकर्ताओं ने पाया कि पैरसिम्पथेटिक नर्वस तंत्र नींद के दौरान स्वस्थ्य बच्चों की अपेक्षा मिर्गी ग्रस्त बच्चों में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (श्वसन तंत्र) में बदलाव कर हृदय गति को धीमा कर देता है। 

यह शोध 'न्यूरोफिजियोलॉजी' पत्रिका के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुआ है।

 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)