मार्किट में जल्द ही उपलब्ध होगी डेंगू वायरस की दवाई

शोधकर्ताओं का मानना है कि डेंगू बुखार को ठीक करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल एक साल के अंदर शुरू किया जा सकता है.

मार्किट में जल्द ही उपलब्ध होगी डेंगू वायरस की दवाई

नई दिल्ली:

बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक करने की दवाई पहले ही विकसित हो चुकी है। वहीं, ऑस्ट्रेलियन शोधकर्ता मच्छर के काटने से होने वाली वायरल बीमारी, डेंगू के लिए भी दवाई तैयार करने का विचार कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर किस तरह डेंगू वायरस और बैक्टीरियल इंफेक्शन के समय प्रतिक्रिया करता है, उसमें समानता पाई हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन के लिए दवाई मार्किट में पहले से ही उपलब्ध है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि डेंगू बुखार को ठीक करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल एक साल के अंदर शुरू किया जा सकता है।

 

 

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पॉल यंग, यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलौंड के प्रोफेसर के अनुसार “जिस तरह बैक्टीरियल इंफेक्शन के समय बैक्टीरियल सेल वॉल सेप्टिक शॉक उत्पन्न करता है उसी तरह डेंगू वायरस एनएस1 प्रोटीन शरीर में टॉक्सिन की तरह काम करता है”।

यंग ने आगे बताते हुए कहा कि “करीब 20 से 30 सालों से शोधकर्ताओं और औषधीय कंपनियां ऐसी दवाइयां विकसित कर रही हैं, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के प्रति शरीर को हानि पहुंचाने से बचाती हैं। ये दवाइयां तीन बार क्लिनिकल ट्रायल फेज़ से गुज़र चुकी हैं, जो कि मार्किट में भी उपलब्ध हैं”।

पूरी दुनिया में डेंगू वायरस एक साल में करीब 400 मिलियन लोगों को इंफेक्ट करता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी को पूरी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण दर्जे पर रैंक किया है। प्रोफेसर यंग के मुताबिक ट्रोपिकल और सब-ट्रोपिकल क्षेत्र में मच्छर के काटने से होने वाला डेंगू वायरस काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। करीब 2.5 बिलियन लोग, 100 देशों में इस इंफेक्शन के शिकार हैं। ऐसे में लोगों को हैमरेजिक (रक्तस्रावी) बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम के होने का खतरा रहता है। यंग ने आगे बताते हुए कहा कि अभी तक पूरी दुनिया में इसके लिए कोई वैक्सीन या दवाई उत्पन्न नहीं हुई है।

 

 

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डॉक्टरल स्टूडेंट नाफक मोधीरन, थाईलैंड से इस प्रॉजेक्ट पर काम करने आए हैं। उनका कहना है कि “मैं उम्मीद करता हूं कि लैब में हो रही दवाई की डिसकवरी से लोगों को इस बीमारी में राहत मिलेगी”।

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यह जानकारी जरनल साइंस ट्रांसनैशनल मेडिसिन में विस्तार से बताई गई है।

 

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