फूड ब्लॉग: सफेद, ब्राउन, काला या लाल: कौन सा चावल है सेहत के लिए सबसे बेहतर?

एक बदलाव जो तकरीबन हर कोई करता है वह है वाइट राइज से ब्राउन राइज पर आना.

फूड ब्लॉग: सफेद, ब्राउन, काला या लाल: कौन सा चावल है सेहत के लिए सबसे बेहतर?

खास बातें

  • इनका रंग इनके पोषक तत्वों पर निर्भर करता है.
  • सफेद चावल दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं.
  • इनमें फाइबर के साथ-साथ पोषक तत्व भी होते हैं.

आजकल हेल्थ कॉन्शियस लोगों के बीच एक शब्द बहुत कॉमन हो रहा है. वह है ब्राउन. हर चीज ब्राउन ही पसंद की जा रही है. चाहे ब्रेड हों, अंडे हों या फिर चावल ही क्यों न हों हर कोई ब्राउन ही पसंद कर रहा है. क्योंकि यह माना जा रहा है कि ब्राउन ही बेहतर है. खासतौर पर जब भी वजन घटाने की या फिट रहने या डाइटिंग की बात आती है तो लोग खाने को लेकर बहुत सचेत हो जाते हैं. और सचेत भी ऐसे कि बिना किसी सही जानकारी के इंटरनेट या दोस्तों से आधी अधूरी जानकारी लेकर डाइट में बदलाव कर लेते हैं. ऐसे में एक बदलाव जो तकरीबन हर कोई करता है वह है वाइट राइज से ब्राउन राइज पर आना.

इसके पीछे की वजह है कि यह माना जाता है कि अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो सफेद चावल खाने से परहेज करना होगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. असल में वज़न कैलोरी से बढ़ता है और चावलों में कार्बोहाइटड्रेड पाया जाता है. चावल के बारे में कोई भी धारणा बनाने से पहले उसके बारे में कुछ बातें जानना जरूरी है. बाजार में चावलों की कई वैरायटी मिलती है, जिसे जरूरत के अनुसार खरीदा जा सकता है. ब्राउन, रेड, ब्लैक, वाइट और पर्पल. इनका रंग इनके पोषक तत्वों पर निर्भर करता है.

तो पहली बात तो यह बताएं कि क्या आपको यह पता है कि चावल कितनी तरह के होते हैं... शायद नहीं पता होगा. तो चलिए एक नजर में हम आपको बताते हैं कि आखिर कितनी तरह के होते हैं चावल और किसके क्या हैं फायदे या नुकसान...

सफेद चावल
कोई कितना ही कहे कि आपको सफेद चावल नहीं खाने चाहिए या कम खाने चाहिए, लेकिन जब भी चावलों का नाम आता है तो सबसे पहले सफेद चावल ही जहन में आते हैं. सफेद चावल दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं. लेकिन फिर भी जब कभी हेल्दी डाइट की बता होती है तो इन्हें खाने में शामिल नहीं किया जाता, आखिर क्यों? वास्तव में यह अगर डेली डाइट में शामिल किए जाएं तो यह काफी फायदेमंद साबित होते हैं. इनमें फाइबर के साथ-साथ पोषक तत्व भी होते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं.

 

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दिल्ली की वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट गार्गी शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर सफेद चावलों की पॉलिश प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया जाता है, तो इसकी एल्यूरन परत हट जाती है. ऐसा करने से उनमें मौजूद पोषक तत्व कम या नष्ट हो सकते हैं. चावलों की इसी परत में विटामिन-बी, दूसरे पोषक तत्व और जरूरी फैट आदि होते हैं.

दिल्ली की वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट गार्गी शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर सफेद चावलों की पॉलिश प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया जाता है, तो इसकी एल्यूरन परत हट जाती है. ऐसा करने से उनमें मौजूद पोषक तत्व कम या नष्ट हो सकते हैं. चावलों की इसी परत में विटामिन-बी, दूसरे पोषक तत्व और जरूरी फैट आदि होते हैं.  सफेद चावलों में सबसे ज्यादा स्टार्च होती है. और पॉलिश की प्रक्रिया के दौरान इसमें से कुछ पोषक तत्व जैसे थियामिन जो कि बी-1 के नाम से भी जाना जाता है और विटामिन-बी कम हो जाते हैं. यह थियामिन की कमी के कारण होता है.

क्या हो सकते हैं नुकसान- 
पोषक तत्वों के बिना अगर इन्हें डाइट में शामिल किया जाए, तो इससे बेरीबेरी नामक रोग होने की संभावना बनी रहती है.
यही नहीं कई बार सफेद चावल व्यक्ति के शरीर को भी कई तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं, साथ ही मैटाबॉलिक परेशानी- डायबीटिज़, मोटापा और कई बीमारियों को बढ़ावा देते हैं.

फेक्ट फाइल- 

  • दिल्ली के साकेत, मैक्स हेल्थकेयर की डॉ. रीतिका सम्मद्दार (Dr. Ritika Samaddar) का मानना है कि चावल पर की गई पॉलिश विटामिन बी-3 को 67 फीसदी, बी-1 को 80 फीसदी, बी-6 को 90 फीसदी, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस को आधा और आयरन का 60 फीसदी भाग समाप्त कर देती है.
  • कच्चे चावल में मौजूद फाइबर और जरूरी फैटी एसिड (वसायुक्त अम्ल) को भी खत्म कर देती है.
  • यह सब चेतावनियां सफेद चावलों से दूरी बनाएं रखने की ही सलाह देती हैं, जो कि लोगों के लिए काफी मुश्किल काम है. ऐसे में रंगीन चावल हेल्दी ऑप्शन है.

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ब्राउन और रेड राइज?

ब्राउन और रेड चावलों को पैदा करने की प्रक्रिया से लेकर पोषक तत्व तक सब कुछ एक जैसा होता है. ये चावल या तो कम वॉश होते है, या फिर बिना छिले. इसका मतलब खाते टाइम इनमें मौजूद चोकर को काफी देर तक चबाना पड़ता है, जो कि सेहत के लिए लाभदायक होता है. ब्राउन चावल देश-दुनिया में आसानी से मिल जाता है, वहीं रेड चावल हिमालय पर्वत, दक्षिण तिब्बत, भूटान और दक्षिण भारत में ही मिल पाता है.

 

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डॉ. गार्गी शर्मा के कहती हैं कि अगर पोषक तत्वों की बात की जाए तो ब्राउन और रेड राइज अलग नहीं हैं. दोनों में ही विटामिन बी, फाइबर, जिंक, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, सैलीनियम और दूसरे पोषक तत्व भरपूर मत्रा में पाए जाते हैं. हां एक फर्क है दोनों में वह यह कि ब्राउन राइज के मुकाबले रेड राइज ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट साबित होते हैं.

 

क्या हैं फायदे- 

  • रेड चावल में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है. इसे एंथोसाइएनिन्स भी कहा जाता है. यह सामान्य तौर पर गहरे बैंगनी या लाल रंग के आहार में पाए जाते हैं. 
  • इसके अलावा, धीमे चल रही पाचन तंत्र का मजबूत बनाने में फाइबर सहायक होता है. 
  • ब्लड शुगर में बदली कार्ब को भी फाइबर धीरे-धीरे कम कर देता है इसलिए फाइबर युक्त खाना लो-ग्लाइसेमिक होता है.
  • मैग्नीशियम और कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करने, ऑस्टियोपरोसिस, गठिया जैसे रोगों को ठीक करने में सहायक होते हैं.
  • यह शरीर में होने वाली जलन, एलर्जी, कैंसर के खतरे कम और वजन को सही बनाए रखने में मदद करता है. मैगनीज दोनों प्रकार के चावलों में पाया जाता है. 
  • यह मैटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने, माइग्रेन को सुधारने, बल्ड प्रेशर कम करने के साथ-साथ हार्ट अटैक के खतरे को घटाने में मदद करता है.
  • चावलों में मौजूद सैलीनियम बॉडी में होने वाले इंफेक्शन से बचाता है.

 

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डॉ. गर्गी बताती हैं कि फैटिक एसिड आयरन और कैल्शियम का शोषण रोक देते हैं. ऐसा केवल तब होता है जब ब्राउन चावल के साथ आयरन और कैल्शियम का सेवन किया जाता है. ऐसे में आयरन और कैल्शियम युक्त खाना खाते समय ब्राउन चावल की खपत को लेकर थोड़ा सचेत रहने की जरूरत होती है.

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वो चावल जिन्हें भुला दिया गया- 
 

काले चावल का नाम शायद आपको चौंका सकता है. इन काले चावलों को पकाने के बाद ये बैंगनी रंग के हो जात हैं. ब्लैक चावलों में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, फाइटोकैमिकल्स, विटामिन ई, प्रोटीन, आयरन, और अन्य पोषक तत्व होते हैं.

 

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40 हजार से भी ज़्यादा वैरायटी में पाए जाने वाले चावलों को दुनिया के हर कोने में इस्तेमाल किया जाता है. एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए अच्छे खाने और पोषक तत्वों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है. ऐसे में पता लगाएं कि आपकी हेल्थ के लिए कौन से पोषक तत्व बेहतर हैं और उन्हें अपने डेली डाइट में शामिल करें.