बढ़ते वायु प्रदूषण से लड़ने का आसान तरीका, खाने में शामिल करें ये चीज़ें

Protect Yourself from Air Pollution: जिस हवा में हम जिंदा रहने के लिए सांस ले रहे हैं, वह प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. जिन लोगों को सांस संबंधी परेशानी नहीं है, वह भी हॉस्पिटल के चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं. 

बढ़ते वायु प्रदूषण से लड़ने का आसान तरीका, खाने में शामिल करें ये चीज़ें

खास बातें

  • शहर में बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए खड़ी कर रहा है समस्याएं
  • फेफड़ों में इंफेक्शन, सांस संबंधी परेशानी आदि से परेशान हैं लोग
  • पोषक तत्वों को डाइट में शामिल कर खुद को कर सकते हैं स्ट्रॉन्ग

How to Protect Yourself from Air Pollution: जिस हवा में हम जिंदा रहने के लिए सांस ले रहे हैं, वह प्रदूषण (Air Pollution) के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. जिन लोगों को सांस संबंधी परेशानी नहीं है, वह भी हॉस्पिटल के चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं. आप कुछ पोषक तत्वों को अपने रूटीन में शामिल करके स्वस्थ रह सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं कुछ प्राकृतिक एंटी-ऑक्सिडेंट, जो आपकी बॉडी को इस खतरनाक प्रदूषण से लड़ने में मदद करेंगे. यह प्रदूषित हवा हम सांस के साथ अंदर ले रहे हैं, उसमें ओज़ोन, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, बारीक कण, डीज़ल से निकले कण आदि होते हैं, जो हमारे फेफड़ों में बैठ जाते हैं. लंग्स के परत पर उपस्थित बचाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट इन सब से तब तक लड़ते हैं, जब तक वह ज्यादा होते हैं, इसके बाद प्रदूषित कण इम्यून पर हमला कर देते हैं और बॉडी सेल फ्री रैडिकल बनाकर इंफ्लैमेशन का कारण बनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, खाने से मिलने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट जो आप खाते हैं, आपकी बॉडी को वायु प्रदूषण से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करते हैं?

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कैसे खुद को बचाएं वायु प्रदूषण से | How to Protect Yourself from Air Pollution


- अपने घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें. 
- संभव हो तो एक एयर प्यूरीफायर ले लें. यह घर के भीतर की हवा की गुणवत्ता को सही रखने में मददगार होता है. 
- वायु प्रदूषण आपकी त्वचा को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए कोशिश करें कि आप पूरी बाजू के कपड़े पहनें. 
- घर से बाहर निकलते हुए चेहरे को अच्छी गुणवत्ता के मास्क से ढकें. 
- नियमित समय अंतराल पर मास्क बदलते रहें. 
- अगर आप बाहर जाकर सैर करते हैं या जॉगिंग करते हैं तो कुछ दिनों के लिए इससे बचें. 
- कोशिश करें कि आप घर पर ही योगा जैसे व्यायाम करें.
- घर में ऐसे पौधे लगाएं जो प्रदूषण कम करने में मददगार हों.
- आप घर में एलो वेरा, लिली, स्नेक प्लांट (नाग पौधा), पाइन प्लांट (देवदार का पौधा) मनी प्लांट, अरीका पाम और इंग्लिश आइवी लगा सकते हैं. यह पौधे घर की हवा को साफ करने में मददगार साबित होते हैं.

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वायु प्रदूषण के प्रभावों से बचने के आहार में शामिल करें ये चीजें | Foods You Must Include In Your Diet To Combat Air Pollution


विटामिन सी-

यह आपके शरीर के लिए सबसे शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट है. पानी में घुलने वाला यह विटामिन हमारी फ्री रैडिकल की सफाई करता है. यही नहीं, विटामिन सी, विटामिन ई बनने में सहयोग करता है. फेफड़ों में इसके पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए अपने नियमित डाइट में विटामिन सी शामिल करना बहुत जरूरी है. एक युवा को अपनी डेली डाइट में 40 मिली ग्राम विटामिन की जरूरत होती है.

वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आहार में शामिल करें विटामिन सी. 

विटामिन सी के स्रोत | Best Food Sources Of Vitamin C


1.    सब्जियां जैसे धनिए के पत्ते, चौलाई का साग, ड्रमस्टिक, पार्सले, गोभी और शलजम का साग विटामिन सी का अच्छे स्रोत हैं. आप इन्हें अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं.
2.    आंवला और अमरूद जैसे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं.
3.    अपनी डेली डाइट में विटामिन सी शामिल करने का सबसे आसान तरीका है दिन में दो नींबूओं का रस पी लें.
4.    अपने खाने में सिट्रस फ्रूट्स को भी शामिल किया जा सकता है.

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वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए खाएं विटामिन ई-

मानव टिशूज़ की क्षति से बचने का सबसे पहला उपाय यह वसा में घुलनशील यह विटामिन है.

वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आहार में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं. 

विटामिन ई के स्रोत | Dietary Sources of Vitamin E 

1.    हमारी बॉडी में विटामिन ई पौधों पर आधारित कुकिंग ऑयल से आता है. सूरजमुखी, सैफ्फलाउर और राइस ब्रान तेल टॉप तीन स्रोत हैं. साथ ही कनौला, पीनट और जैतून का तेल भी विटामिन ई का अच्छा स्रोत हैं.
2.    बादाम और सूरजमुखी के बीज भी विटामिन का अच्छा स्रोत हैं. बीज और नट्स में फैट कैलोरी भी ज्यादा होती है, तो एक दिन में एक आउंस पर्याप्त है.
3.    फिश- जैसे सैल्मन, रो और ईल में मौजूद विटामिन ई तत्व के लिए इन्हें खाने की सलाह दी जाती है.
4.    मसाले और जड़ी बूटियां जैसे मिर्च पाउडर, पैप्रिका, लौंग, ओरिगौनो, बैज़ल और पार्सले में विटामिन ई उचित मात्रा में पाया जाता है. हालांकि, इन्हें बहुत थोड़ी मात्रा में ही खाया जाता है. अपने डेली लाइफ में इन्हे भी शामिल करना आपके लिए फायदेमंद होगा.

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वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आहार में शामिल करें बीटा कैरोटिन | What is beta carotene

एंटी-ऑक्सिडेंट के कारण यह इंफ्लैमेशन को निंयत्रित रखने में बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाता है. यह हमारी बॉडी में विटामिन ए में बदल जाता है.

बीटा कैरोटिन के स्रोत | Source of beta carotene

1.    पत्तेदार सब्जियां जैसे चौलाई का साग, धनिया, मेथी, लेटस और पालक में प्रचूर मात्रा में बीटा कौरोटिन पाया जाता है.
2.    मूली के पत्ते और गाजर भी इसका अच्छा स्रोत हैं.


वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आहार में शामिल करें ओमेगा 3 फैट | Omega-3 And Air Pollution

यह शरीर को वायु प्रदूषण से पहुंचने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है. दिल के स्वस्थ बनाए रखता है. हार्ट हेल्दी तेल के स्रोत हैं:

Ayurvedic Hacks: वायु प्रदूषण के प्रभावों से खुद को बचाने के लिए आप आयुर्वेदिक तरीकों को अपना सकते हैं.


1.    नट्स और बीज जैसे अखरोट, चिया के बीज, अलसी के बीज को दही में डालकर अपनी डाइट में शामिल करें. स्मूदी में डालें या फिर ऐसे ही खा लें.
2.    मेथी के बीज, सरसों के बीज, हरे पत्तेदार सब्जियां, काले चने, राजमा और बाजरा आदि ऐसे फूड हैं जिसमें ओमेगा 3 होता है.


आयुर्वेद में भी है समाधान | Ayurvedic Hacks To Survive Delhi's Nasty Pollution

कई तरह की जड़ीबूटियां और मसाले आदि को आयुर्वेद में आम सांस संबंधी समस्याओं को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी एक फेमस एंटी-ऑक्सिडेंट है और प्रदूषण के जहरीले प्रभावों से फेफड़ों को बचाने के लिए हल्दी यूज़ की जाती है.

हल्दी और घी को मिलाकर खाने से खांसी और अस्थमा में आराम आता है.

अस्थमा अटैक के दौरान गुड़ के साथ हल्दी और मक्खन राहत के लिए दिया जा सकता है.

कफ से बचाव के लिए गुड़ और प्याज़ के रस को मिलाकर लें, यह सूखे और गीले दोनों तरह के कफ में कारगार है.

हरीतकी को गुड़ के साथ मिलाकर सोने से पहले और सुबह में लेने से कफ में आराम आता है. अस्थमा के दौरान आयुर्वेद कड़वी और कसैला फूड से भरपूर डाइट भी बताता है, जो मीठे और नमकीन फूड के विपरीत होती है.

अस्थमा पीड़ितों के लिए गेंहू और गाय का दूध काफी फायदेमंद होता है.

अदरक, काली मिर्च, तुलसी, मुलैटी, जायफल, पुदीना और ग्लैंगल सांस संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए फायदेमंद हैं.

हेल्दी बॉडी आपको किसी भी कठिनाई में बचाती है. फूड के अलावा, 15-30 मिनट की एक्सरसाइज़, पेफड़ों के लिए प्राणायाम और पर्याप्त आराम भी आपको मदद करेंगे.

नोट: आहार में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना डॉक्टरी सलाह के आहार में बदलाव करना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

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