Anita Sharma | Updated: February 08, 2019 14:09 IST
Ganesh Jayanti 2019: अगर आप भी यह पता लगाना चाहते हैं कि गणेश जयंती व तिल कुंड चतुर्थी व माघ विनायक चतुर्थी कब (When is Magh Ganesh Jayanti, Tilkund Chaturthi or Maghi Ganesh Jayanti) है, तो इसका जवाब आज है. जी हां, आज गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) यानी गणेश भगवान का जन्मदिन मनाया जाता है. हर माघ शुक्ल चतुर्थी पर गणेश जयंती मनाई जाती है. इसे तिल कुंड चतुर्थी या माघ विनायक चतुर्थी (Tilkund Chaturthi or Maghi Ganesh Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि माघ शुक्ल चतुर्थी के मौके पर ही सबसे पहले गणेश तरंगें पृथ्वी पर आईं थीं. मान्यता के अुनसार इसी दिन देवों के देव आदिदेव श्रीगणेश (Birthday of Lord Ganesha) का जन्म हुआ था.
20, 30, 40 या इससे ज्यादा उम्र की महिलाएं इन 6 फलों को न करें इग्नोर...
Tilkund Chaturthi or Magh Ganesh Jayanti: इसके साथ ही साथ भाद्रपद माह में 10 दिनों तक महाराष्ट्र में धूमधाम से गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) आयोजन भी किया जाता है. पुरानी कथाओं के मुताबित माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जिस दिन चतुर्थी होती है उसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ. इसलिए ही इस दिन को गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के तौर पर मानाया जाता है.
महिलाएं इस नवरात्र किस प्रकार अपनाएं सेहतमंद व्रत के तरीके
Ganesh Jayanti 2019: मान्यता है कि इस दिन गणेश उपासना की उपासना सर्वाधिक लाभ देती है. कहा जाता है कि इस दिन चांद नहीं देखना चाहिए. यानी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन निषेध यानी मना है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी पर चांद देखने से या चंद्रदर्शन से मानसिक विकार पैदा होते हैं.
ये पांच तरीके देंगे व्रत वाले आलू को नया ट्विस्ट
Magha Ganesh Jayanti 2019: इस दिन को गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के तौर पर मानाया जाता है.
उपवास से पहले जानें नियम, व्रत में कॉफी पी सकते हैं या नहीं...
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 8 फरवरी 2019, सुबह 10.17 बजे से,
चतुर्थी तिथि समाप्ति- 9 फरवरी 2019, सुबह 12.25 बजे तक.
अगर करेंगे ये उपाय तो नहीं होगी फूड पॉइज़निंग
Ganesha Jayanti 2019: माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जिस दिन चतुर्थी होती है उसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ.
– आज के दिन सबसे पहले नहाधोकर खुद को पवित्र करें. इसके बाद पूजन पर बैठें.
- भगवान गणेश के पूजन में फूल, धूप, दीप, कपूर, मौली लाल, चंदन, रोली और सबसे जरूरी उनका पसंदिदा भोग मोदक रखें.
– श्रीगणेश को तुलसी के पत्ते अर्पित करें.
– पूजन के बाद आदिदेव को मोदक का भोग लगाएं.
कैसे घर पर ही बनाएं बप्पा के प्रिय मोदक (Ganesha recipe: How to make Modak at home)
मीठे आटे में नारियल, जायफल और केसर को भरकर ये मोदक तैयार किए जाते हैं. बाद में इन्हें भाप में पकाया जाता है. ये एक प्रकार की भारतीय मिठाई है, जो कि गणेश चतुर्थी पर सबसे ज़्यादा बनाई जाती है.
भरावण सामग्री के लिएः
1 कप नारियल, कद्दूकस
1 कप गुड़, कद्दूकस
एक चुटकी जायफल
एक चुटकी केसर
शेल तैयार करने के लिएः
1 कप पानी
2 टी स्पून घी
1 कप चावल का आटा
फायदे ही नहीं नुकसान भी पहुंचा सकती है अलसी...
व्रत रखें हैं तो आहार और सेहत का यूं रखें ध्यान...
1.एक पैन को आंच पर गर्म करके उसमें कद्दूकस किया नारियल और गुड़ डालें.
2.करीब पांच मिनट के लिए मिक्सचर को चलाएं. इसके बाद इसमें जायफल और केसर मिक्स करें.
3.पांच मिनट के लिए दोबारा मिक्सचर को पकाएं. आंच से इसे उतार कर साइड रख दें.
व्रत के दौरान इन 8 तरह के भोजन से रहें दूर
1.एक गहरे बर्तन में पानी और घी डालकर उबाल लें. फिर इसमें नमक और आटा डालें. अच्छी तरह मिलाएं.
2.बर्तन को ढक कर मिक्सचर को पकने के लिए छोड़ दें. जब मिक्सचर पक कर आधा रह जाए, तो एक स्टील की कटोरी पर थोड़ा घी लगाएं.
3.हल्का गर्म गूंथे हुए आटे को अच्छी तरह गूंथें. अब इसकी गोल छोटी-छोटी लोई बना लें. हल्का दबाएं. फूल के आकार में इसके किनारे तैयार करें.
4.तैयार किया भरावण मिश्रण बीच में रखें. चारों किनारों को जोड़कर इसे बंद कर दें.
5.अब इन्हें मलमल के कपड़े पर रखें. करीब 10 से 15 मिनट के लिए इन्हें भाप में पकाएं. निकाल कर सर्व करें.
रेसिपी नोटस्टीम्ड मोदक के अलावा आप चाहे तो इन्हें फ्राई करके भी बना सकते हैं.
ये भी पढ़ें:
Comments