नई दिल्ली: क्य रात में आपको भी बार-बार टॉयलेट जाने की आदत है? और आप भी इसे एक आम बात समझ के इंग्लोर कर देते हैं, तो यह खबर आपके लिए हो सकती है। हाल ही पता चला है कि रात को बार-बार टॉयलेट जाना स्लीप एपनिया से संबंधित हो सकती है।
स्लीप एपनिया खर्राटों का एक गंभीर विकार है। इसमें सोते समय व्यक्ति की 10 या कुछ ज्यादा सेकेंड के लिए सांस रोक जाती है। हर घंटे में ऐसा पांच या उससे ज़्यादा बार होता है। वहीं, अगर यह गंभीर है जो एक घंटे में 100 बार या उससे भी ज्यादा बार हो सकता है। जो कि वाकई काफी खतरनाक है। इस दौरान व्यक्ति की बार-बार नींद टूट जाती है। और व्यक्ति टॉयलेच जाता है, जिसका मूल कारण नोक्टूरिया है।
ऐसे में लोग अपनी यह समस्या स्त्री रोग विशेषज्ञ या मूत्र रोग चिकित्सकों को तो बताते हैं, लेकिन निन्द रोग से जुड़े डॉक्टर से सलाह नहीं लेते। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव के. के. अग्रवाल ने दी। उन्होंने कहा कि बर्मिघम की अलबामा यूनिवर्सिटी के अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि यह खोज ज्यादा उम्र के लोगों के लिए खास तौर पर अहम है जिन्हें रात को बार बार उठ कर टॉयलेट जाते वक्त गिर कर चोट लगने का खतरा रहता है।
स्लीप एपनिया में गले के पीछे के नाजुक तंतु सोते समय अस्थायी रूप से काम करना बंद कर देते हैं, जिसमें कुछ पलों के लिए मरीज को सांस नहीं आती। ऑक्सीजन कम हो जाती है और कार्बन डायऑक्साइड बढ़ जाती है, दिल की धड़कन की दर गिर जाती है और फेफड़ों के अंदर रक्त शिराएं सिकुड़ जाती हैं। दिल की ऱफ्तार बेदह तेज हो जाती है और तरल के ज्यादा भर जाने का गलत संकेत महसूस होता है। शरीर सोडियम और पानी से मुक्त होने की कोशिश करता है, जिससे नोक्टूरिया होता है। और यही रात में बार-बार टॉयलेट जाने का मुख्य कारण है।
इसके लक्षणों में खर्राटे, नींद में बेचैनी के साथ बार बार नींद खुल जाना, दिन में ज्यादा सोना और सुबह सिर दर्द होना शामिल है।
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