गोवा में मछली आयात पर 15 दिनों के लिए रोक

बार-बार सवाल के बाद भी मुख्यमंत्री यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि बीते महीनों से जो मछलिया उपयोग की जा रही है थी उनमें फार्मेलिन था या नहीं.

गोवा में मछली आयात पर 15 दिनों के लिए रोक

पणजी:

गोवा के स्थानीय लोगों का मुख्य भोजन है मछली. इतना ही नहीं इस राज्य का समुद्री भोजन यहां आने वाले टूरिस्टों में भी खासा लोकप्रिय है. इस राज्य से मछली से जुड़ी खबर आई है. वह यह कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को राज्य में 15 दिनों के लिए मछलियों के कंसाइनमेंट के प्रवेश पर रोक लगा दिया. लेकिन, पर्रिकर ने पड़ोसी राज्यों से आने वाली मछलियों में फार्मेलिन होने या नहीं होने की बात पर स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री का यह फैसला गोवा विधानसभा के आगामी मानसून सत्र से एक दिन पहले आया है. 

फार्मेलिन का इस्तेमाल!
गौरतलब है कि राज्य के एफडीए अधिकारियों ने बीते शुक्रवार को ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र के बाहरी इलाके से मछली की खेप पर छापे के बाद दावा किया था कि मछलियों को संरक्षित करने के लिए फार्मेलिन का इस्तेमाल किया गया.  किन छापे के तुरंत बाद कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने ट्वीट किया कि मछली खाने योग्य है. इसके बाद यह विवाद ने जोर पकड़ा, जिसके बाद एफडीए ने एक बयान में कहा कि रसायन का इस्तेमाल स्वीकृत सीमा के अंदर था. 

हो रही है आलोचना
वहीं राज्य की सरकार मछली कारोबारियों की भूमिका व कथित तौर फार्मेलिन के इस्तेमाल को कम बताने की कोशिश को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है. इसके साथ ही सरकार खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए) अधिकारियों द्वारा अपने बयान से यू-टर्न लेने को भी लेकर आलोचना से घिर गई है जिन्होंने पहले तो मछली के कंसाइनमेंट को फार्मेलिन के इस्तेमाल के कारण जब्त किया और फिर बाद में कहा कि यह (फार्मेलिन) निर्धारित सीमा के भीतर था.

एफडीए ने सबसे पहले फार्मेलिन के इस्तेमाल के लिए मछली के कंसाइनमेंट को जब्त किया था और बाद में दावा किया कि शक्तिशाली कीटाणुनाशक अनुमति की सीमा के तहत था.

 

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Photo Credit: iStock

 

क्या कहा मुख्यमंत्री ने 
पर्रिकर ने कहा, "अगर हम मछली का आयात 15 दिनों के लिए रोक देते हैं तो इस सवाल का हल हो जाएगा. एक अगस्त से गोवा की मछली पकड़ने वाले समुद्र से मछली पकड़ेंगे और दूर से मछली के परिवहन की जरूरत नहीं होगी. इसलिए आज से मछली के आयात पर प्रतिबंध होगा."
राज्य के एफडीए अधिकारियों ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र के बाहरी इलाके के मछली कंसाइनमेंट पर छापे के बाद दावा किया था कि मछलियों को संरक्षित करने के लिए फार्मेलिन का इस्तेमाल किया गया.

मछली है सही 
लेकिन छापे के तुरंत बाद कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने ट्वीटकिया कि मछली खाने के लिए सही है. इसके बाद एफडीए ने एक बयान में कहा कि रसायन का इस्तेमाल अनुमति की सीमा के अंदर था.
पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि रोक की घोषणा विवादों व संदेह से बचने के लिए सिर्फ नागरिकों के स्वास्थ्य के हितों के लिए पर्याप्त सावधानी के तौर पर की गई है.

हालांकि, बार-बार सवाल के बाद भी मुख्यमंत्री यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि बीते महीनों से जो मछलिया उपयोग की जा रही है थी उनमें फार्मेलिन था या नहीं.

उन्होंने कहा, "मैं परीक्षण में नहीं जा रहा हूं, चूंकि मैंने मछलियों पर रोक लगा दी है. इन मुद्दों पर चर्चा करने का कोई बिंदु नहीं है, जिन्हें संभवतया कोई उचित तरीके से नहीं समझता. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा."

उन्होंने कहा, मुख्य मुद्दा है कि सुरक्षित भोजन व मछली के मुख्य भोजन होने की वजह से 15 दिनों की रोक लगाई गई है. इस बीच एफडीए राज्य की सीमाओं पर स्थायी रूप से परीक्षण की व्यवस्था करेंगी.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एफडीए के पास राज्य में मछली के कंसाइनमेंट को लाने के लिए जाच के लिए उचित तंत्र नहीं है और 15 दिन की रोक से इसे ठीक करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, " इस दौरान एफडीए जांच नियमित व लगातार सुनिश्चित करने के लिए उचित सुविधाएं स्थापित करेगी. हमारे पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं. यह (मछली के कंसाइनमेंट) सभी तरफ से आ रहे हैं आपको टीम की जरूरत है. वह भी सुबह में. इस विवाद को खत्म करने दे. एफडीए को उचित सुविधाएं स्थापित करने दीजिए और इसके बाद वे जांच करेंगे."

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