नई दिल्ली: चॉकलेट खाना किसे पसंद नहीं होता है। और बात जब सर्दियों की हो, तो खाना खाने के बाद सभी का मन कुछ मीठा खाने का ज़रूर करता है। गरमा-गर्म गाजर का हलवा हो या फिर एक छोटा टुकड़ा चॉकलेट का, हर कोई मीठा बड़े ही चाव से खाना प्रिफर करता है।
चॉकलेट बच्चों की फेवरिट खाद्य पदार्थों में से एक है। वैसे बड़े भी इसे खाने से नहीं चूकते हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सरकार ने चीन से आने वाले चॉकलेट उत्पादों तथा दूध से बने उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसकी अवधि 23 जून 2017 तक बढ़ा दी गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि “चॉकलेट एवं चॉकलेट उत्पादों तथा कैंडी-मिष्ठान-दूध समेत दूध से बने उत्पादों के चीन से होने वाले आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध की अवधि को 23 जून 2017 तक बढ़ा दिया गया है। एफएसएसएआई को चीन से आयात होने वाले प्लास्टिक के चावल तथा नकली अंडों की जानकारी है। चीन से आयात होने वाले प्लास्टिक चावल के संबंध में 21 जून 2015 को एक अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण नेटवर्क अलर्ट भी प्राप्त हुआ था”।
वहीं उन्हें जवाब में कहा गया कि “इस मामले को विभिन्न राज्य सरकारों के समक्ष उठाया गया, जिन्होंने यह जानकारी दी कि उन्हें प्लास्टिक चावल के आयात की किसी भी घटना की सूचना नहीं मिली है। इसके आगे एफएसएसएआई के खाद्य आयात निकासी प्रणाली में उपलब्ध डाटा के अनुसार 1 जनवरी 2015 से अब तक चीन से चावल एवं अंडों का कोई आयात नहीं हुआ है”। मंत्रियों ने अपने उत्तर में यह भी बताया कि सरकार के पास उपरोक्त के अलावा किसी अन्य मद पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
(इनपुट्स भाषा से)
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