कैंसर-रोधी दवाओं से किडनी को हुए नुकसान से बचाने में मदद करेगी ग्रीन-टी

कैंसर-रोधी दवाओं से किडनी को हुए नुकसान से बचाने में मदद करेगी ग्रीन-टी

नई दिल्ली:

ग्रीन-टी हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है। वज़न कम करने के साथ-साथ कई तरह की अन्य बीमारियों से निपटने में भी सहयोग देती है। हाल ही में एम्स के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि ग्रीन टी में पाए जाने वाले यौगिक कैंसर-रोधी दवा सिसप्लेटिन से उत्पन्न किडनी के जहरीलेपन और क्षति को कम करने में प्रभावी हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो इस रिसर्च से एक नई दवा की खोज हो सकती है जो सिसप्लेटिन के दुष्प्रभावों से मुकाबला कर सके। कैंसर के इलाज के क्रम में कीमोथेरिपी में इस दवा का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है।

एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर वाई के गुप्ता ने बताया, “अध्ययन में सिसप्लेटिन से किडनी को होने वाली क्षति को रोकने में ग्रीन टी से प्राप्त पोलीफेनोलिक यौगिक एपिकाटेकिन गैलेट- ईसीजी- की उपयोगिता का आकलन किया गया। सिसप्लेटिन के दुष्प्रभाव से नेफ्रोटॉक्सिटी और किडनी को बहुत अधिक क्षति हो सकती है।” उन्होंने साथ ही कहा, “‘इस नई खोज से सिसप्लेटिन के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए दवा की खोज की संभावना पैदा हो गई है।”

एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर जागृति भाटिया और उनकी टीम का अध्ययन हाल ही में ‘लैबरॉट्री इंवेस्टीगेशन्स’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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