Sushmita Sengupta | Translated by: Avdhesh Painuly | Updated: July 03, 2020 21:54 IST
Guru Purnima 2020: गुरु पूर्णिमा शिक्षकों के सम्मान का एक दिन है, इसी दिन चंद्र ग्रहण भी है.
Chandra Grahan 2020 Date And Time: दुनिया भर के हिंदू गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का जश्न मनाने के लिए तैयार हैं, यह एक दिन शिक्षकों, और गाइडों को याद करने के लिए है. गुरु पूर्णिमा सबसे शुभ हिंदू त्योहारों (Hindu Festivals) में से एक है और यह पूर्णिमा के दिन 'आषाढ़' के महीने में मनाया जाता है. इस दिन, शिष्य अपने गुरु और भगवान को याद करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं. इस साल गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020 (July 5 Guru Purnima) को पड़ रही है. संयोग से, चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) भी उसी दिन है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ग्रहण कब है? यह सवाल हर ग्रहण के लगने से पहले पूछा जाता है. तो आपको बता दें इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई (5 July Chandra Grahan) को पड़ रहा है.
ग्रहण का सूतक काल (Chandra Grahan Sutak kal) और ग्रहण की टाइमिंग को लेकर भी सवाल करते हैं कि चंद्र ग्रहण का समय (Chandra Grahan Time) क्या होगा. तो यहां जानें ग्रण का समय और सूतक काल के बारे में सब कुछ...
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5 जुलाई 2020 को, हिंदू गुरु पूर्णिमा मनाएंगे. प्राचीन काल में, एक 'गुरु' ने समाज में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान पर कब्जा कर लिया था. शिक्षा के वेस्टर्न स्टाइल के आने से बहुत पहले, शिष्यों ने अपनी शिक्षा को पूरा करने के लिए 'गुरुकुलों' का सहारा लिया, जिसमें उन्होंने अपने गुरुओं से ज्ञान और अनुशासन का मूल्य सीखा. उन्होंने न केवल वहां पढ़ाई की बल्कि अपने बड़े होने के सालों तक वहां रहे. प्राचीन ग्रंथ जैसे महाभारत और रामायण एक शिक्षक और उनके शिष्य या गुरु और शिष्य के बीच विशेष बंधन के उदाहरणों से भरे पड़े हैं.
गुरु पूर्णिमा भी बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध, जिन्होंने 'मोक्ष' की तलाश में अपना राज्य और सिंहासन त्याग दिया था, उन्होंने इस शुभ दिन पर अपना पहला उपदेश दिया था जिसे कुछ लोगों द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है.
ऐसा माना जाता है कि महान महाकाव्य महाभारत के लेखक संत व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था, इसलिए इसे कभी-कभी व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
पूर्णिमा 4 जुलाई को सुबह 11:33 से शुरू होगी
पूर्णिमा 5 जुलाई को 10:13 बजे सुबह समाप्त होगी
5 जुलाई 2020 को लगने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण आइएसटी समय के मुताबिक सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा. इसके बाद यह 9 बजकर 59 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में होगा औस सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. यह ग्रहण लगभग दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड रहेगा. साथ ही भारत में सूरज के निकल जाने के बाद ग्रहण लगने के कारण इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा.
(स्रोत: दृकपंचांग.डॉम)
हिंदूओं के बीच पहला और सबसे महत्वपूर्ण 'गुरु' ईश्वर है, इसलिए लोग जल्दी उठते हैं और इस शुभ अवसर पर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं, साथ ही अपने गुरुओं का धन्यवाद करते हैं. आश्रमों और मठों में, कुछ शिष्य गुरुओं के लिए प्रार्थना करते हैं. मंदिरों में, दर्शनार्थियों को विशेष प्रसाद और विशेष प्रसादम की एक मिठाई भेंट की जाती है. चूंकि यह पूर्णिमा है, इसलिए कुछ लोग अनुष्ठानिक उपवासों का भी पालन करते हैं या भारी और मांसाहारी भोजन खाने से परहेज करते हैं, वे खिचड़ी, हलवा, पापड़, खीर इत्यादि से भरे हल्के सात्विक खाना चुनते हैं.
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