Happy Navratri: नवरात्रि में कैसे करें उपवास, खाने में क्या करें शामिल, व्रत और उपवास में जानें अंतर

Happy Navratri: नवरात्रि के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक लोग व्रत और उपवास रखते हैं, कई लोगों को व्रत और उपवास में फर्क क्या होता है यही पता नहीं होता है.

Happy Navratri: नवरात्रि में कैसे करें उपवास, खाने में क्या करें शामिल, व्रत और उपवास में जानें अंतर

Navratri fast food: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.

Happy Navratri: नवरात्रि के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक लोग व्रत और उपवास रखते हैं, कई लोगों को व्रत और उपवास में फर्क क्या होता है यही पता नहीं होता है. वास्तव में व्रत और उपवास दोनों एक ही हैं. दोनों में ही परमात्मा का ध्यान लगाया जाता है. उनकी पूजा अर्चना की जाती है, नावरात्रि में ही नहीं चाहे कोई भी व्रत या उपवास हो इनमें एक अंतर यह है कि व्रत में खाना खाया जाता है और उपवास में निराहार ही रहना पड़ता है। व्रत और उपवास एक तप की तरह माना जाता है. हालांकि दोनों में थोड़ा फर्क है. कहा जाता है कि व्रत में मानसिक विकारों को दूर किया जाता है तो उपवास में शारीरिक विकारों को. नावरात्रि में व्रत या उपवास करना लोगों की आस्था है. जानें कितने तरह के होते हैं उपवास और व्रत. हम बता रहे हैं आपको अगर आपका व्रत या उपवास है तो क्या खाएं और क्या न खाएं. 

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Happy Navratri Images: यहां पढ़े कितने तरह के होते होते हैं उपवास 

उपवास के प्रकार (Types of fasting)

1. रसोपवास, 2. फलोपवास, 3. दुग्धोपवास, 4. तक्रोपवास, 5. पूर्णोपवास, 6. साप्ताहिक उपवास, 7. लघु उपवास, 8. कठोर उपवास, 9. टूटे उपवास, 10. दीर्घ उपवास, 11. एकाहारोपवास,  12. पाक्षिक व्रत 13. त्रैमासिक व्रत 14.छह मासिक व्रत 15. वार्षिक व्रत 16. अधोपवास


मानसिक विकारों को रखें दूर-

1. वैसे तो हमें हर समय शांत रहना चाहिए लेकिन जब आप व्रत कर रहे हों तो अपने गुस्से पर काबू रखें. 
2. जब हम किसी तपस्या में होते हैं तो खुद को हर उस चीज से दुर रखने की कोशिश करते हैं जो हमारे ऊपर बुरा प्रभाव डालती है. ऐसे में हमें अपने मन में कोई ऐसे बुरे विचार नहीं लाने चाहिए जिसमें किसी का बुरा हो.
3. आप परमात्मा की भक्ति में तन-मन धन से लगे हो और खुद का मन कई तरह के विकारों से भरा हुआ तो यह गलत होगा खुद के मन को भी पवित्र रखें.      
4. कहते हैं कण-कण में परमात्मा विराजमान हैं हमें किसी को दुखी नहीं करना चाहिए लेकिन जब आप किसी खास औप पवित्र चीज में लीन हों तो किसी का भी अपमान नहीं करना ठीक नहीं होगा.  

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शारीरिक विकारों पर भी रखें नियंत्रण- 

1. इन नौ दिनों में अधोपवास में एक समय भोजन किया जाता है जिसमें बगैर लहसुन, प्याज के खाना खाया जाता है. खाना भी जबतक सूर्य है जबतक ही किया जा सकता है सूर्य अस्त होने बाद नहीं ऐसा कहा जाता है.

2. नवरात्रि के दौरान दुग्धोपवास, लघु उपवास, अद्धोपवास, रसोपवास, फलोपवास, पूर्णोपवास कर सकते हैं. लोग अपनी इच्छा और क्षमता के हिसाब से इन उपवास को करते हैं.

3. कई लोग एक समय भोजन और एक समय साबूदाने की खिचड़ी या मीठे साबूदाने बनाकर खा लेते हैं. कुछ लोग दोनों ही समय भरपेट साबूदाने की खिचड़ी खा लेते हैं. माना जाता है कि ऐसा उपावास करना सही नहीं होता है. उपवास में एक समय या दोनों समय भूखे रहना की सलाह दी जाती है. 

4. वैसे तो आपको कभी कुछ ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे आपके शरीर पर गलत असर पड़े लेकिन इन नौ दिनों में अगर आप उपवास नहीं भी कर रहे हैं तो भी आपको शराब, नॉनवेज नहीं करना चाहिए.

नवरात्रियों में किसी तप की तरह उपवास करने का महत्व माना जाता है. उपवास रखने से हमारे शरीर के आंतरिक अंगों पर अच्छा प्रभाव होता है. हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है. 

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