प्रेग्नेंसी में मीठे पेय पदार्थ, शिशु पर पड़ सकते हैं भारी

प्रेग्नेंसी में मीठे पेय पदार्थ, शिशु पर पड़ सकते हैं भारी

वॉशिंगटन:

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए खुद का और होने वाले बच्चे का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। ऐसे में मां की थोड़ी-सी भी लापरवाही बच्चे के भविष्य के लिए हानिकारक होती है। अक्सर महिलाएं डॉक्टर की सलाह को न मानते हुए अपने स्वाद और इच्छाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाती, जिसका खामियाजा आने वाले बच्चे को भरना पड़ता है।

इस दौरान हार्मोंस में आने वाले बदलाव मां की कुछ खाने की इच्छा को बढ़ा देते हैं। लेकिन डाइट में पौष्टिक चीज़ों को रखकर खुद को और आने वाली बच्चे को हेल्दी रखा जा सकता है। हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आर्टिफिश्यल मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं की संतान को मोटापे का सामना करना पड़ सकता है।

जी हां, आर्टिफिश्यल मीठा वैसे भी हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता, और प्रेग्नेंसी के दौरान इसका नकारात्मक प्रभाव सीधा बच्चे पर पड़ता है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनीटोबा के मुख्य लेखक मेघन आजाद ने बताया, "हमारे अध्ययन ने वह पहला मानव साक्ष्य उपलब्ध कराया है, जो बताता है कि गर्भावस्था के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थों की खपत शिशु के वजन परिवर्तन से जुड़ी हुई है।"

शिशु पर पड़ते हैं ये प्रभाव
इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने 3,033 मां-शिशु की जोड़ी का आकलन किया। इस दौरान मां द्वारा गर्भावस्था में लिए जाने वाले पेय पदार्थो का शिशु के बॉडी मास इंडेक्स पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया गया।

शोध में 30 प्रतिशत महिलाओं ने कृत्रिम पेय पदार्थों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी के सेवन की बात स्वीकारी। वहीं 5.1 प्रतिशत महिलाओं में नियमित तौर पर इन पदार्थों का सेवन पाया गया और उनकी संतान के पहले साल में मोटापे के दोगुने जोखिम की संभावना देखी गई।

यह शोध अमेरिकी पत्रिका जेएएमए पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित हुआ है।

(इनपुट्स आईएएनएस से)


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