हाई ब्लड प्रेशर बना संकट : युवाओं को खास देखभाल की जरूरत

जिन युवाओं का ब्लड प्रेशर सामान्य सीमा के उच्च अंत तक रहता है, उन्हें मध्यम उम्र में दिल की बीमारी का खतरा होता है.

हाई ब्लड प्रेशर बना संकट : युवाओं को खास देखभाल की जरूरत

नई दिल्ली:

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर सुनते ही आंखों के आगे बूढ़े लोगों की छवि घूमने लगती है। 20 साल की उम्र से ही लोगों में बीमारी के प्रभाव दिखने लगते हैं और 30 की उम्र में पहुंचते ही आप सेहत को लेकर सतर्क हो जाते हैं और हेल्दी रहना शुरू कर देते हैं, लेकिन इनके बीच के दस साल भी आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। अपनी आर्ट्री को संकुचित और क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए 30 तक का इंतजार करना देर हो सकती है।
 

 

जरनल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी में इस महीने में प्रकाशित हुए अध्ययन से पता लगा है कि जिन युवाओं का ब्लड प्रेशर सामान्य सीमा के उच्च अंत तक रहता है, उन्हें मध्यम उम्र में दिल की बीमारी का खतरा होता है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 18 से 30 साल के 2479 पुरुष और महिलाओं को 25 साल से अधिक समय तक फॉलो किया। उन्होंने इन लोगों का ब्लड प्रेशर मापा और दिल को होने वाले नुकसान को देखने के लिए स्पेकल ट्रैकिंग एकोकॉर्डियोग्राफी ( एक विशेष अल्ट्रासाउंड तकनीक) का इस्तेमाल किया।
 


 

उच्च रक्तचाप एक शांत अवस्था है, जिसका पता नियमित चेकअप से ही चलता है। ग्रेड-वन उच्च रक्त चाप 140/90 से ऊपर होता है और 20 से 30 प्रतिशत लोगों को यह नहीं पता होता कि वह हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। इस अध्ययन से पता चलता है कि जिन युवाओं को सामान्य ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, 25 साल बाद उनके दिल को क्षति पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन से पता लगा कि इस ग्रुप में, दिल से शरीर में ब्लड पहुंचाने के लिए वेंट्रिकल (दिल का निचला हिस्सा) को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। वेंट्रिकल का बड़ा और मजबूत होना, दिल में आने वाले संरचनात्मक बदलाव से बस एक कदम दूर है। हाई ब्लड प्रेशर का कोई अच्छा पहलू नहीं है। इसकी वजह से दिल का दौरा, दिल और किडनी का फेल होना, स्ट्रोक और मानसिक परेशानी या मनोभ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। तो क्या आप पहले से ही अपनी ज़्यादा देखभाल करेंगे?
 


 

समाधानः-
अध्ययन ने लोगों का इस बात में पीछा नहीं किया कि उन्हें स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी समस्या हो रही या नहीं। यह संकट उन्हीं पर छोड़ दिया। यह डॉक्टर का क्लीनिकल समापन नहीं था। लेकिन वेस्ट मिडिलसेक्स हॉस्पिटल की सादिया खान, हृदय रोग विशेषज्ञ सलाहकार का कहना है कि जो डॉक्टर थोड़े समय पहले से कहते आ रहे हैं, उसकी पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि,“लोगों ने जो अब अपनी पसंद बनाई है, उनका भविष्य में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।"
 


 

पारंपरिक नजरिये से हाई ब्लड प्रेशर का प्रभाव सिर्फ तब पड़ता है, जब आपका बुढ़ापा दिखने लगता है। युवा लोगों में उच्च लेकिन फिर भी सामान्य ब्लड प्रेशर होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें गोलियों की जरूरत है। इसका सिर्फ यह मतलब है कि हम सभी को अच्छी सलाह का अनुसरण करना चाहिए। जैसे- व्यायाम, नमक की मात्रा कम करना, अपनी लंबाई के मुताबिक अपने वज़न को बनाए रखना और हेल्दी खाना खाना। एल्कोहल आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, इसलिए कम मात्रा में इनका सेवन करें। इस तरह के खतरे को कम करने की करने के लिए मध्यम उम्र तक इंतजार न करें।  ख़ासतौर से जब पहले से ही कोई क्षति हो रखी हो। 

 

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