अपनी खास जीवनशैली पर निर्भर लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-ई की खुराक ज्यादा लेते हैं, मगर सावधान! इसके दुष्प्रभाव से बुजुर्गों को निमोनिया हो सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि ज्यादा धूम्रपान करने वाले और नियमित व्यायाम न करने वाले पुरुषों में विटामिन-ई की ज्यादा मौजूदगी निमोनिया का खतरा 68 प्रतिशत तक बढ़ा देती है।इसके विपरीत, जो लोग धूम्रपान कम करते हैं और खाली समय में व्यायाम किया करते हैं, उनमें विटामिन-ई की मौजूदगी निमोनिया के खतरे को 69 प्रतिशत कम कर देती है। फिनलैंड के हेलिसिंकी विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर हारी हेमिला ने कहा, "विटामिन-ई का स्वास्थ्य पर प्रभाव लोगों की कई विशेषताओं और उनकी जीवनशैली पर निर्भर करता है।"
शोध करने वाली टीम ने विटामिन-ई के प्रभावों और निमोनिया के खतरों को लेकर कई प्रयोग किए। इसमें फिनलैंड के 1985 और 1993 के बीच वाले 50 से 69 साल के पुरुषों पर अध्ययन किया गया। 29,133 प्रतिभागियों में से 898 लोगों में निमोनिया के लक्षण पाए गए।शोधपत्र के लेखक का दावा है कि शोध का निष्कर्ष विटामिन-ई की खुराक और निमोनिया के खतरों के बारे में इस अवधारणा का का खंडन करता है कि विटामिन-ई हर इंसान पर एक समान प्रभाव डालता है।इस शोधपत्र को पत्रिका 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन' में प्रकाशित किया गया है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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