मॉनसून में आंखों में होने वाले इंफेक्शन से यूं बचें

आंखों के बारिश से सीधे संपर्क में आने से इंफेक्श होने का खतरा बना रहता है.

मॉनसून में आंखों में होने वाले इंफेक्शन से यूं बचें

नई दिल्ली:

मॉनसून के दिनों में होने वाली उमस आंखों में इंफेक्शन का मुख्य कारण होती है। यह आंखों की कंजंगक्टवाइटिस (आंखों के ऊपरी भाग पर सूजन आना), आई साइट (पलकों पर सूजन) और अवांछित कॉर्नील (कोर्नीया से संबंधित) अल्सर पर हमला कर देते हैं।

अगर आपकी आंखें किसी भी तरह से लाल दिखती हैं, सूजन और आंखों में जलन होती है, तो अपने अनुभव के अनुसार दवाई न लें। इसकी बजाय, किसी आंखों के विशेषज्ञ से सलाह लें।

शार्प आई सेंटर के नेत्र-विशेषज्ञ कमल बी. कपूर का कहना है कि,“कंजंगक्टवाइटिस , कार्नील अल्सर, पलक पर नमी से इंफेक्शन हो जाना जैसी रोग मॉनसून के दिनों में काफी सामान्य हैं। लोग मॉनसून का मौसम एंजॉय करते हैं, लेकिन वे इस बात से अंजान होते हैं कि आंखें बारिश के संपर्क में सीधे नहीं आनी चाहिए, क्योंकि बारिश के पानी से कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।”

 

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उन्होंने बताया, "मॉनसून के दिनों में कॉर्नील अल्सर एक सबसे गंभीर इंफेक्शन होता है। कॉर्निया खुले जख्म को विकसित करता है, और अगर गलत तरीके से इसका उपचार किया जाए, तो इससे अंधापन हो सकता है। कॉर्नील अल्सर होने पर बहुत ज़्यादा दर्द होता है, पीप या मवाद निकलता है और दृष्टि धुंधली हो जाती है। ऐसा होने पर एकदम नेत्र-विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी होता है और ऐसे में इलाज के लिए किसी भी तरह से देरी नहीं करनी चाहिए।"

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के नेत्र-विशेषज्ञ, विशाल दत्ता का कहना है कि मॉनसून के दिनों में साइट्स की समस्या बहुत आम है, जो कि अक्सर बैक्टीरिया इंफेक्शन की वजह से होती है।  आई साइट जैसा रोग पलकों पर सूजन के रूप में होती है।  इसके लक्षण हैं कष्टदायी दर्द, मवाद का आना, पलक के ऊपर लाल हो जाना। इसका मूल उपचार गर्म और ठंडी सिकाई से आंखों को दबाना, आंखों में दवाई डालना और दूसरे तरह के इलाज हैं। लेकिन ऐसा करने के बाद भी आराम न आए और सूजन या गांठ बढ़ जाती है, तो पीड़ित को नेत्र-विशेषज्ञ के पास जाने की जरूरत है।"

मॉनसून के दौरान आंखों की स्वच्छता के बारे में बात करते हुए वह बताते हैं, " इस स्थिती में एक-दूसरे का तौलिया शेयर करने से बचें और पीड़ित के दूसरे सामन को इस्तेमाल करने से परहेज करें क्योंकि इंफेक्शन अक्सर हाथों, कपड़ों और दूसरे छुए हुए सामान के जरिए जल्दी फैलता है।"


 

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साथ ही, उन्होंने बताया, "अगर घर पर किसी सदस्य को कंजंगक्टवाइटिस हो गया है, तो उसे आंखों में दवाई डालने के बाद हाथ धोने चाहिए, क्योंकि इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। आंखों के लाल होने पर, बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के आंखों में दवाई न डालें, क्योंकि इनमें कैमिकल होते हैं, जो कि नुकसानदेह हो सकते हैं। साथ ही, इस दौरान आंखों में लैंस लगाने से भी परहेज करें। सफर के दौरान चश्मा लगाना मददगार साबित होगा।"

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डॉ. दत्ता लोगों से आग्रह करते हुए कहा, "आंखों को बैक्टीरिया से बचाने के लिए हमेशा बाहर से आने पर हाथ धोएं। बच्चों को गंदगी और जगह-जगह भरे पानी से दूर रखें। बच्चों को इस तरह की जगहों पर खेलना और इनके ईर्द-गिर्द रहना पसंद होता है, लेकिन इन ही जगहों पर सबसे ज़्यादा बैक्टीरिया होता है।"

 

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