ज़्यादा सांस फूलना मतलब ‘हार्ट फेल्योर’ का संकेत

ज़्यादा सांस फूलना मतलब ‘हार्ट फेल्योर’ का संकेत

लंदन:

सीड़ियां चढ़ते हुए, भागते हुए, तेज़ चलते हुए कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति की सांस जल्दी फूलने लगती है। बड़े-बूढ़ों में तो यह समस्या धीरे चलने से भी आती है। अगर आपको गंभीर रूप से सांस फूलने की शिकायत है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह हार्ट फेल्योर या सीएओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का संकेत हो सकता है।

एक शोध में यह बात सामने आई है कि जल्दी-जल्दी सांस लेने या सांस फूलने को चिकित्सकीय भाषा में डायस्पनिया कहा जाता है, जिसमें छाती में बेहद कड़ापन महसूस होता है और दम घुटता है। स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में शोधछात्र नासिर अहमदी ने एक बयान में कहा कि “दम फूलना मतलब दिल या फेफड़े से संबंधित बीमारी का संकेत है, क्योंकि दोनों अंग श्वसन प्रणाली से काफी नजदीकी रूप में जुड़े हुए होते हैं”। शोधकर्ताओं ने कहा कि दम फूलने की गंभीर समस्या उच्च रक्तचाप का भी संकेत हो सकती है।

अहमदी ने कहा कि “जब लोगों को सांस लेने में परेशानी की समस्या आती है, तो वे अक्सर चिकित्सकीय सलाह लेने से परहेज करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बढ़ती उम्र का प्रभाव है। लेकिन अगर आपकी यह समस्या बढ़ती जाती है, तो आपको चिकित्सकीय सलाह ज़रूर लेनी चाहिए”। शोध की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि जितनी जल्दी समस्या की जांच होगी, रोग का उतना ही बेहतर निदान होगा।

शोध में यह बात सामने आई है कि “दम फूलने की समस्या अगर छह सप्ताह या उससे अधिक समय तक जारी रहे, तो लोगों को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यह हार्ट फेल्योर या फेफड़े की गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है”।
(इनपुट्स आईएएनएस से)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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