प्रति पशु दूध उत्पादन में भारत को अगुवा बनाने की दिशा में काम कर रहे मूफार्म के संस्थापक परम सिंह ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "हम दूध उत्पादन में सबसे आगे इसलिए हैं कि हमारे पास 30 करोड़ पशु हैं. पशु और पशु पालकों के उत्थान के लिए यहां काम तो बहुत हो रहे हैं, लेकिन उन कामों का नतीजा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है."
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परम सिंह ने कहा, "मू-फार्म किसानों की आय में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए 2020 तक भारत के दो लाख डेयरी किसानों को प्रशिक्षित करेगी. वह पशु पोषण जैसे क्षेत्रों में किसानों के कौशल को बढ़ाने के लिए मदद करेगी."
परम सिंह मू-फार्म के जरिए पंजाब के 10 हजार किसानों से संपर्क स्थापित कर चुके हैं. मू-फार्म की टीम रोजाना किसानों से संपर्क स्थापित करती है और उसका विवरण मू-फार्म एप पर अपलोड किया जाता है. इससे किसानों में अपने पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. खुद किसानों का कहना है कि मू-फार्म से जुड़कर पशुपालन पर होने वाला उनका खर्च कम हुआ है और दूध उत्पादन बढ़ा है.
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नए प्रयोगों के लिए नौजवानों को टीम में जोड़ने की बात कहते हुए परम ने कहा, "शुरू में जिन चीजों पर फोकस किया गया है, वे हैं एनीमल ब्रीडिंग, फीडिंग और फार्म मैनेजमेंट. किसानों को पशु पालन के वैज्ञानिक तरीकों से रूबरू कराया. पशुओं के स्वास्थ्य, उनकी देखरेख, उनकी नस्ल तथा उनके खानपान संबंधी जानकारी देनी शुरू की. पशु और पशु पालकों की समस्त जानकारी को एक ही मंच पर लाने के लिए मू-फार्म ऐप तैयार किया."
परम सिंह ने बताया, "हमारे प्रशिक्षक किसानों के कौशल स्तर को बढ़ाने के लिए सामग्री दे रहे हैं, जिसे ग्राम स्तर के उद्यमियों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है. हम फिलहाल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा पर ध्यान दे रहे हैं."
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उन्होंने कहा, "मू-फार्म को दुनिया की सबसे बड़ी कैटल डायरेक्टरी तैयार करना है. जब भी हम किसी किसान को अपने साथ जोड़ते हैं तो किसान और उनके पशु की हर जानकारी जैसे पशु की जन्म तारीख, उसकी नस्ल आदि की सारी जानकारी मू-फार्म ऐप से जोड़ते हैं. किसान अपनी ज्यादा से ज्यादा जानकारी मू-फार्म पर शेयर करें, इसके लिए हर जानकारी के लिए किसान को प्वाइंट दिए जाते हैं." (इनपुट-आईएएनएस)
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)