बुजुर्गों की हड्डियों की जांच करवाना है जरूरी

बुजुर्गों की हड्डियों की जांच करवाना है जरूरी

नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर बूढ़े लोगों की हड्डियों की जांच समय पर करवाने पर जोर दिया। एक कंपनी ने कहा कि बूढ़े लोगों के हड्डियों की जांच जरूरी होती है। हड्डी के घनत्व के मापन को टी स्कोर स्तरों में रिपोर्ट करते हैं। ये हड्डियों की मजबूती और दक्षता बताते हैं। (-1) और उससे अधिक का टी स्कोर सामान्य माना जाता है। इसी तरह (-1) और (-2.5) के बीच का स्कोर ऑस्टियोपीनिया की निशानी है। इस स्थिति में हड्डी का घनत्व सामान्य से कम होता है और इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। (-2.5) और उससे कम का टी स्कोर यह बताता है कि व्यक्ति को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना है।

ज्यादातर वृद्ध जन उस वर्ग में आते हैं, जो उन्हें फ्रैक्चर से काफी असुरक्षित बनाता है। एक छोटा-सा झटका या मरोड़ भी उनकी हड्डियों को गंभीर रूप से तोड़ सकती है। कोई पुरानी मरोड़ रीड़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है। वर्तमान समय में, बाजार में ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं, जो फ्रैक्चर से मुक्त हड्डियां सुनिश्चित करती हैं।

पचास साल की उम्र के बाद लोगों में कैल्शियम घटना आरंभ हो जाता है, जिसके कारण हड्डियों के घनत्व में कमी आने लगती है। लोगों को उनके हड्डी घनत्व की जांच कराने की सलाह दी जाती है। युवाओं को उन डेयरी उत्पादों और खाद्य पदार्थों का पर्याप्त रूप से सेवन करना चाहिए, जिनमें कैल्शियम और विटामिन डी प्रचूर मात्रा में होती है।
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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