NDTV Food | Updated: February 21, 2020 11:28 IST
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक लोकप्रिय त्योहार है, जिसे भारत में व्यापक स्तर पर मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी 2020 को मनाया जाएगा. महाशविरात्रि का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, इस दिन भगवान शिव के भक्त पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं. शिवरात्रि का पर्व हिंदू महीने फाल्गुन में मनाई जाती है. यह सबसे प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है. इस दिन मंदिरों में शिव भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है, इस दिन भक्त अपने अराध्य को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर फल, फूल और प्रसाद चढ़ाते हैं. इसके अलावा शिवलिंग पर दूध और जल के साथ महाअभिषेक भी किया जाता है. इस विशेष मौके पर काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे मंदिरों में दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं. दिनभर उपवास के बाद महाशिवरात्रि के समारोह का आयोजन किया जाता है.
महा शिवरात्रि शुक्रवार, 21 फरवरी, 2020 को
निशित काल पूजा का समय - दोपहर 12:09 बजे से 01:00 बजे, 22 फरवरी
अवधि - 00 घंटे 51 मिनट
22 फरवरी को, शिवरात्रि पराना समय - प्रातः 06:54 से 03:25 बजे
रत्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय - शाम 06:15 बजे से रात 09:25 बजे तक
रत्रि दूसरी प्रहर पूजा का समय - रात 09:25 बजे से 12:34 बजे, 22 फरवरी
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय - 12:34 पूर्वाह्न से 03:44 बजे, 22 फरवरी
रात्रि चौथा प्रहर पूजा का समय - 03:44 पूर्वाह्न से 06:54 बजे, 22 फरवरी
चतुर्दशी तिथि 21 फरवरी, प्रातः 05:20 से 21 फरवरी, 2020
चतुर्दशी तीथि समाप्त - शाम 07:02 से 22 फरवरी 2020
महा शिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की महान रात'. महा शिवरात्रि के उत्सव के साथ अनगिनत कहानियां जुड़ी हुई हैं. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, यह दिन शिव के विवाह का प्रतीक है. क्या आप जानते हैं कि हिंदू पंचांग के हर सौर-मास में शिवरात्रि होती है. हालांकि, महा शिवरात्रि, जो आमतौर पर फाल्गुन महीने के 13 वें या 14 वें दिन मनाई जाती है, उसे सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि कहा जाता है. कई भक्त पूरी रात हिंदू देवता की स्तुति में बैठते हैं, भजन गाते हैं. कई मंदिरों में, शिव लिंग का हर तीन घंटे में पवित्र स्नान किया जाता है.
शिवरात्रि के दिन, भक्त जल्दी उठकर स्नान करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मंदिरों में दूध, फल और बेल के पत्तों जैसे आम प्रसाद के साथ जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को बेल के पत्तों के बहुत शौकीन हैं. कुछ भक्त दूध, अगरबत्ती के साथ शहद, दही, घी और मिठाई भी अर्पित करते हैं.
शिवरात्रि का व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास है. कई भक्त निर्जला व्रत का पालन करते हैं, इस दौरान वे पानी की एक बूंद और अन्न का सेवन नहीं करते हैं, जब तक कि वे अपना व्रत नहीं तोड़ते. लेकिन निर्जला व्रत हर किसी के लिए अनुकूल नहीं है, अगर आप बीमार, बूढ़े या गर्भवती हैं तो आपको उपवास से बचना चाहिए। अधिकांश भक्त 'फलार' उपवास का विकल्प चुनते हैं, जिसमें वे फलों और दूध का सेवन करते हैं. कुछ लोग हल्का सात्विक भोजन करना भी पसंद करते हैं.
अगर आप भी इस बार व्रत कर रहे हैं तो आप बेर, अमरूद, अंगूर, सेब और केला जैसे मौसमी फलों को शामिल कर सकते हैं. खीर, श्रीखंड, लौकी का हलवा, और अन्य व्यंजन जैसे साबूदाना वड़ा और कुट्टू की पूरी जैसे लोकप्रिय व्यंजन भी इस व्रत के का आहार हैं.
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