Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019 (Martyrs' Day): क्या सचपुच 'पेटू थे' बापू! पढ़ें बापू की खाने से जुड़ी आदतों के बारे में

आज महात्मा गांधी की पुण्‍यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary) है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं बापू के खानपान से जुड़ी आदतों के बारे में.

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019 (Martyrs' Day): क्या सचपुच 'पेटू थे' बापू! पढ़ें बापू की खाने से जुड़ी आदतों के बारे में

Death Anniversary Of Mahatma Gandhi: बापू के मुंह से निकले अंतिम शब्द थे 'हे राम'.

खास बातें

  • 30 जनवरी 1948 को गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
  • बापू के मुंह से निकले अंतिम शब्द थे 'हे राम'.
  • हम आपको बताते हैं बापू के खानपान से जुड़ी आदतों के बारे में.
New Delhi:

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है. हम हर साल अलग-अलग दिन पर शहीद दिवस (Shaheed Diwas or Martyrs' Day) मनाते हैं. इन्हीं में से एक दिन 30 जनवरी (30th January) भी है. इस दिन राष्ट्रपति महात्मा गांधी (Rashtrapita Mahatma Gandhi)  की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस दिन को शहीद दिवस (Martyrs' Day) के तौर पर भी मनाया जाता है. इस मौके पर शहीदों और महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने आजादी पाने के लिए बलिदान दिया. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (2019 Death Anniversary of Mahatma Gandhi) की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बापू के मुंह से निकले अंतिम शब्द थे 'हे राम'. अहिंसा और सत्‍य (Ahimsa) के मार्ग पर चलने वाले बापू के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी. बापू (Bapu) ने समझाया कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था. राष्ट्रपिता आज भले ही हमारे बीच न हों, लेकिन अपने विचार आज भी देश को सजीव रखे हैं. आज महात्मा गांधी की पुण्‍यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary) है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं बापू के खानपान से जुड़ी आदतों के बारे में. प्रसिद्ध लेखक सुधीर कक्कड़ की किताब मीरा और महात्मा में सुधीर ने बापू के उपवास और खान-पान से जुड़ी जानकारियां दी हैं. इस किताब में एक जगह लिखा है कि मीरा बापू को मजाक में 'बेस्वाद भोजन के पेटू' कहा करती थीं. तो चलिए जानते हैं इस बेस्वाद भोजन के पेटू के बारे में और बातें... 

 

जब बापू ने एक हफ्ते के उपवास में कम कर लिया था 7 पाउंड... 

इसी किताब में कक्कड़ ने एक घटना का जिक्र किया है, जिसमें आश्रम में तीन लड़कों के गंदी हरकत करते पाए जाने बाद इसके प्रायश्चित के लिए बापू ने एक हफ्ते उपवास रखा था. इस दौरान बापू (Mahatma Gandhi) के शरीर में काफी कमजोरी आ गई थी. किताब के अनुसार उपवास के तीसरे दिन बापू को चलने के लिए सहारे की जरूरत पड़ने लगी थी. जब कभी-कभार मितली आती तो पानी का घूंट ले लेते थे. वैसे, सातों दिनों बापू नमक और सोडा बाइकार्बोनेट मिलाकर खबू पानी पीते थे. सप्ताह खत्म होते-होते उनका वजन 7 पाउंड घट गया और 96 पाउंड पहुंच गया. सातवें दिन उन्होंने अंगूर के रस में मिला नारंगी का शरबत और नारंगी के फांक खाकर उपवास तोड़ा. बाद में, दिन में उन्होंने बकरी के दूध में पानी मिलाकर पिया. धीरे-धीरे वे दूध की मात्रा बढ़ाते गए और 12 दिनों तक ठोस खाद्य नहीं लिया और सात पाउंड खोया वजन फिर से हासिल कर लिया.

 

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Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: बापू खाने से जुड़े प्रयोग भी करते थे


खाने से जुड़े कुछ ऐसे प्रयोग करते थे बापू...

सुधीर की किताब के अनुसार बापू खाने से जुड़े प्रयोग भी करते थे. किताब में लिखा है कि दक्षिण अफ्रीका में अपने पहले आश्रम से ही बापू निरामिष भोजन को लेकर प्रयोग करते आ रहे थे ताकि ऐसा व्यंजन तैयार हो जो भूख भी मिटाए और ब्रह्मचर्य पालन में भी सहायक हो. इसके साथ- ही साथ बापू की कोशिश यह भी रहती थी कि खाना सस्ता भी हो. इतना कि आम जनता के लिए भी सुलभ हो और पकाने में कम से कम समय लगे.

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मसाले और नमक के बिना खाना ...

एक जगह बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में ऐसा अक्सर होता कि खाना महीनों तक नमक और मसाले के बिना ही बनाया जाता. कभी ऐसा दौर चलता कि खाने में चीनी, बादाम और मुनक्का वगैरह डालने से परहेज किया जाता, जो खाने में मिठास के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

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Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: बापू को जब पता चला कि प्याज मनोवेगों के नियंत्रण के मुफिद नहीं, तो उन्होंने इसे खाना बंद कर दिया. 

 

जब बापू ने छोड दिया था प्याज खाना (Mahatma Gandhi's food and Onion!) ...

अफ्रीका के दिनों में बापू ने कई बार कच्चा खाना तैयार किया जाता, जो बिना तेल के पकाया जाता था. कुछ समय तक खाने में कच्चा प्याज भी परोसा जाता था, जिससे रक्त शोधक मना जाता. लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला कि प्याज मनोवेगों के नियंत्रण के मुफिद नहीं, तो उन्होंने प्याज का भी इस्तेमाल करना बंद कर दिया.

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जब खाने से जुडे एक प्रयोग से बीमार हो गए बापू ...

क्योंकि बापू के दांत नहीं थे तो उन्हें खाना चबाने में दिक्कत होती थी. इसलिए यह प्रयोग किया गया कि रोटी की जगह अंकुरित गेहूं, दूध की जगह नारियल का इस्तेमाल किया जाएगा और सब्जी कच्ची खाई जाएगी. लेकिन यह प्रयोग ठीक साबित नहीं हुआ और उन्हें बीमारी कर दिया था.

इस लेख में दी गई जानकारी प्रसिद्ध लेखक सुधीर कक्कड़ की किताब 'मीरा और महात्मा' पर आधारित है.
 

वीडियो में देखें बापू की जिंदगी के वो आखिरी दिन (Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019 Video)...

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