Gandhi Jayanti: ...और जब बापू ने गुड़ खाना कम कर दिया था
जब बापू ने एक हफ्ते के उपवास में कम कर लिया था 7 पाउंड...
इसी किताब में कक्कड़ ने एक घटना का जिक्र किया है, जिसमें आश्रम में तीन लड़कों के गंदी हरकत करते पाए जाने बाद इसके प्रायश्चित के लिए बापू ने एक हफ्ते उपवास रखा था. इस दौरान बापू (Mahatma Gandhi) के शरीर में काफी कमजोरी आ गई थी. किताब के अनुसार उपवास के तीसरे दिन बापू को चलने के लिए सहारे की जरूरत पड़ने लगी थी. जब कभी-कभार मितली आती तो पानी का घूंट ले लेते थे. वैसे, सातों दिनों बापू नमक और सोडा बाइकार्बोनेट मिलाकर खबू पानी पीते थे. सप्ताह खत्म होते-होते उनका वजन 7 पाउंड घट गया और 96 पाउंड पहुंच गया. सातवें दिन उन्होंने अंगूर के रस में मिला नारंगी का शरबत और नारंगी के फांक खाकर उपवास तोड़ा. बाद में, दिन में उन्होंने बकरी के दूध में पानी मिलाकर पिया. धीरे-धीरे वे दूध की मात्रा बढ़ाते गए और 12 दिनों तक ठोस खाद्य नहीं लिया और सात पाउंड खोया वजन फिर से हासिल कर लिया.
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Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: बापू खाने से जुड़े प्रयोग भी करते थे
खाने से जुड़े कुछ ऐसे प्रयोग करते थे बापू...
सुधीर की किताब के अनुसार बापू खाने से जुड़े प्रयोग भी करते थे. किताब में लिखा है कि दक्षिण अफ्रीका में अपने पहले आश्रम से ही बापू निरामिष भोजन को लेकर प्रयोग करते आ रहे थे ताकि ऐसा व्यंजन तैयार हो जो भूख भी मिटाए और ब्रह्मचर्य पालन में भी सहायक हो. इसके साथ- ही साथ बापू की कोशिश यह भी रहती थी कि खाना सस्ता भी हो. इतना कि आम जनता के लिए भी सुलभ हो और पकाने में कम से कम समय लगे.
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मसाले और नमक के बिना खाना ...
एक जगह बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में ऐसा अक्सर होता कि खाना महीनों तक नमक और मसाले के बिना ही बनाया जाता. कभी ऐसा दौर चलता कि खाने में चीनी, बादाम और मुनक्का वगैरह डालने से परहेज किया जाता, जो खाने में मिठास के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
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Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: बापू को जब पता चला कि प्याज मनोवेगों के नियंत्रण के मुफिद नहीं, तो उन्होंने इसे खाना बंद कर दिया.
जब बापू ने छोड दिया था प्याज खाना (Mahatma Gandhi's food and Onion!) ...
अफ्रीका के दिनों में बापू ने कई बार कच्चा खाना तैयार किया जाता, जो बिना तेल के पकाया जाता था. कुछ समय तक खाने में कच्चा प्याज भी परोसा जाता था, जिससे रक्त शोधक मना जाता. लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला कि प्याज मनोवेगों के नियंत्रण के मुफिद नहीं, तो उन्होंने प्याज का भी इस्तेमाल करना बंद कर दिया.
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जब खाने से जुडे एक प्रयोग से बीमार हो गए बापू ...
क्योंकि बापू के दांत नहीं थे तो उन्हें खाना चबाने में दिक्कत होती थी. इसलिए यह प्रयोग किया गया कि रोटी की जगह अंकुरित गेहूं, दूध की जगह नारियल का इस्तेमाल किया जाएगा और सब्जी कच्ची खाई जाएगी. लेकिन यह प्रयोग ठीक साबित नहीं हुआ और उन्हें बीमारी कर दिया था.
इस लेख में दी गई जानकारी प्रसिद्ध लेखक सुधीर कक्कड़ की किताब 'मीरा और महात्मा' पर आधारित है.
वीडियो में देखें बापू की जिंदगी के वो आखिरी दिन (Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019 Video)...