ठंड में बढ़ सकता है हाइपोथर्मिया का खतरा, यूं रखें ध्यान

ठंड में बढ़ सकता है हाइपोथर्मिया का खतरा, यूं रखें ध्यान

नई दिल्ली:

हाइपोथर्मिया को अल्पताप भी कहा जाता है। यह शरीर की एक ऐसी स्थिती होती है, जिसमें बॉडी का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। पहले व्यक्ति की बॉडी का तापमान 1-2 डिग्री कम होता है, इस स्थिती में रोगी के हाथ सही से काम नहीं करते। इस दौरान सबसे ज़्यादा परेशानी पीड़ित के पेट में होती है और वह थकान महसूस करता है। सर्दियों में यह खतरा और बढ़ जाता है खासतौर से उम्रदराज लोगों में, क्योंकि डायबिटीज, सर्दी-जुकाम की दवाओं के अधिक सेवन और बढ़ती उम्र की वजह से उनके शरीर में सर्दी को रोकने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए उम्रदराज लोगों को तापमान में थोड़ी सी गिरावट से भी हाइपोथर्मिया हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. एस. अग्रवाल और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि जब तापमान बहुत कम हो जाए या शरीर की गर्मी पैदा करने की क्षमता कम होने लगे तो हाइपोथर्मिया होता है। 

उन्होंने बताया कि जब शरीर का तापमान 95 डिग्री से कम हो जाता है तो उसे 'हाइपोथर्मिया' कहते हैं। यह बीमारी धीरे बोलना, नींद आना, कंपकंपी या बाहों और टांगों में जकड़न, शरीर पर नियंत्रण में कमी, प्रतिक्रिया देने में देरी या कमजोर नब्ज जैसे लक्षणों के रूप में दिख सकती है।
 


हाइपोथर्मिया से बचे यूं:
  • सर्दी में बाहर जाते समय कैप, स्कार्फ और दस्तानें जरूर पहनें।
  • मौमस की जानकारी लेते रहें। ज्यादा ठंड और हवा वाले दिनों में घर के अंदर ही रहें या और शरीर को रजाई से गर्म रखें। जरूरत पड़ने पर बाहर जाना पड़े, तो ज़्यादा से ज़्यादा गर्म कपड़े पहनें, ताकि शरीर मे गर्मी बनी रहे। अगर बर्फबारी हो रही हो तो वॉटरप्रूफ कोट या जैकेट पहनें।
  • सिर पर टोपी पहनना बेहद जरूरी है, क्योंकि सिर के जरिए शरीर को काफी गर्मी मिलती है।
  • सर्दी में ढीले-ढाले कई कपड़े पहनें। इससे गर्मी परतों में बंद रहेगी। तंग कपड़े न पहनें, इससे रक्त के बहाव में रुकावट हो सकती है। इससे शरीर में गर्मी की कमी होती है।
  • इस बात की जानकारी रखें कि तनाव, अवसाद, थकान की दवाएं हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ा सकती हैं। सर्दी जुकाम दवाएं (जो आम दुकानों पर मिलती है) भी समस्या पैदा कर सकती हैं।
  • जब तापमान गिर जाए तो सीमित मात्रा में शराब का सेवन करें। शराब के सेवन से भी शरीर की गर्मी की हानि हो सकती है।
  • अपना वजन संतुलित बनाए रखने के लिए आवश्यक भोजन लें। अगर आप उचित आहार नहीं लेंगे तो चमड़ी के नीचे चर्बी कम हो जाएगी। यह चर्बी भी शरीर को गर्म रखने में मदद करती है।
(इनपुट्स आईएएनएस से)
 
 
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