मेघालय में कल से शुरू होने जा रहा है स्लो फूड इवेंट ‘इंडिजनस टेरा माद्रे 2015’

फास्ट फूड के खिलाफ दुनियाभर में शुरू हुई जंग ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है

मेघालय में कल से शुरू होने जा रहा है स्लो फूड इवेंट ‘इंडिजनस टेरा माद्रे 2015’

नई दिल्ली:

फास्ट फूड के खिलाफ दुनियाभर में शुरू हुई जंग ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। इसकी शुरुआत कल से मेघालय की राजधानी शिलांग में एक स्लो फूड ‘पारंपरिक आहार' कार्यक्रम के आयोजन से होने जा रही है।

फूड कम्यूनिटी के एक नेटवर्क द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘इंडिजनस टेरा माद्रे (आईटीएम) 2015' को मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने मेघालय हाउस में आयोजित किया है। कार्यक्रम पांच दिन तक चलेगा।

टेरा माद्रे का मतलब होता है ‘मदर अर्थ', जिसके चलते स्थिरता, अनुवांशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ, जल अधिकार और पारंपरिक फूड कलरच जैसे विषयों पर ध्यान देते हुए सेमिनार किए जाते हैं।

 

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इंटरनेशनल स्लो फूड मूवमेंट के संस्थापक कालरो पेट्रिनी ने कहा कि 'बड़ी संस्थाएं हमारी फूड कम्यूनिटी को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसे बदलना जरूरी है। अलग कम्यूनिटी के करीब 500 मिलियन लोग इसकी वजह से परेशान हैं।' आईटीएम 2015, मेघालय के 41 गांवों में आयोजित किया जा रहा है।

इसके दौरान संगमा ने कहा कि 'हमारे खुद के देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कि मेघालय और शिलांग के बारे में नहीं जानते। इसलिए मैं कहता हूं कि आप यहां आएं और खुद के अनुभवों को पेश करें। मेघालय और पूर्वोत्तर के पास देने के लिए बहुत कुछ है।'

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एथनिक ट्राइब को सम्मान देते हुए इस आयोजन का नया नाम ‘इंटरनैशनल मी-रामइयू' दिया गया है, जिसका खासी भाषा में मतलब ‘मदर अर्थ' होता है। छोटे किसानों और फूड कम्यूनिटी पर जोर डालते हुए पेट्रिनी ने कहा कि 'यह एक ऐसा समय है, जब हम सभी को उनकी कही बातों को सुनना चाहिए।'  उन्होंने आगे कहा कि 'हम लोग मेघालय की मदद करने के लिए नहीं, बल्कि कम्यूनिटियों से कुछ सीखने के लिए आ रहे हैं। उनके साथ हमारी मुलाकात किसी भी राजनीतिक बैठक से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।' गांव में करीब 640 प्रतिनिधि होंगे, जिसमें से करीब 80 नैशन के 100 से भी ज़्यादा ट्राइब उपस्थित रहेंगे।

 

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