व्रत में कुट्टू आटा, समक के चवाल, राजगीर आटा का इस्तेमाल किया जाता हैं.
खास बातें
- व्रत में कुट्टू आटा, समक के चवाल, राजगीर आटा का इस्तेमाल किया जाता हैं.
- दूध और दही दोनों ही चीजें पेट में एसिड का लेवल बढ़ा सकती हैं
- खाली पेट व्रत में ज्यादा तली हुई व्रत वाली चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए
Navratri 2020: नवरात्र शुरू होने वाले हैं. शरद नवरात्र (Sharad Navratri) हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं. जिसे दुर्गा पूजा (Durga Puja) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेगी. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं. मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो भी सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. देवी दुर्गा ने अलग-अलग अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया था. कुछ भक्त अनुष्ठानिक उपवासों का पालन करते हैं, जहां वे मांसाहारी भोजन, शराब, प्याज , लहसुन और कई प्रकार के अनाज, दाल और मसाले खाने से परहेज करते हैं. इस समय विशेष व्रत सामग्री जैसे कुट्टू आटा, समक के चवाल, राजगीर आटा का इस्तेमाल किया जाता हैं. लेकिन एक बात जो व्रत करने वालों को ध्यान देना चाहिए. कई ऐसे फूड्स है जिनका सुबह खाली पेट इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि व्रत के दौरान खाली पेट किन फूड्स के सेवन से बचना चाहिए.
व्रत में खाली पेट क्या नहीं खाना चाहिए?
1.चाय: