Payal | Updated: October 21, 2020 12:39 IST
भारत में नवरात्रि के पर्व का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है. देश के हर हिस्से में लोग इस त्योहार को अपने ढंग से मनाते हैं. कोलकाता में तो इसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. वैसे तो साल में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, एक चैत्र नवरात्रि और दूसरा शारदीय नवरात्रि. नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व की समाप्ति नवमी के साथ होती है. हिन्दुओं के लिए नवमी का विशेष महत्व होता है. चैत्र में आने वाली नवमी को राम नवमी के रूप मनाया जाता है तो शारदीय नवरात्रि को महानवमी कहा जाता है. इस दिन नवमी की विशेष पूजा की जाती है, यह दिन महागौरी देवी सिद्दीदात्री समर्पित होता है. इस साल महानवमी 24 अक्टूबर 2020 को मनाई जाएगी.
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शनिवार, 24 अक्टूबर, 2020 को महानवमी मनाई जाएगी.
नवमी तिथि शुरू होती है - सुबह 06:58 से 24 अक्टूबर, 2020
नवमी तिथि समाप्त होती है - सुबह 07:41 से 25 अक्टूबर, 2020 (स्रोत द्रिकपंचाग)
नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है. इन दोनों दिन लोग अपने घरों में कन्या पूजन करते है. इसके लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता महागौरी और सिद्धीदात्री की अराधना करें. कन्या पूजन के लिए अपने घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन करने के लिए बुलाएं.
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माना जाता है कि मां दुर्गा स्वयं कन्या रूप में आपके घर आती हैं इसलिए उन्हें लाल चुड़ी और लाल चुनरी उड़ाई जाती है. कन्याओं को भोजन कराने से माता बहुत प्रसन्न होती है. सबसे पहले उनके पैर धोए जाते हैं उसके बाद आसन पर बिठाने के बाद उनके हाथ में मौली और मस्तक पर तिलक लगाते हैं. इस भोजन में कन्याओं को हलवा, पूरी और काले चने प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं. इसके अलवा आप चाहे तो कन्याओं को लंच बॉक्स, पेंसिल, जैसी अन्य चीजें उपहार के रूप में भेंट कर सकते हैं. कन्या पूजन से आपके घर में धन-धान्य की कोई कमी नही रहती. परिवार सुखी रहता है और माता के आर्शिवाद से आपके घर में सुख-समृधि बनी रहती है.
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