लंदन: अब तक आपने सुना होगा कि अवसाद, मानसिक रोगों का कारण होता है। लेकिन इसके साइड-इफेक्ट केवल यहीं तक सीमित नहीं हैं। एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि अवसाद से होने वाले बदलाव पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं।
स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रेनेडा (यूजीआर) के वैज्ञानिकों ने कहा कि अवसाद को एक सिस्टेमेटिक बीमारी मानना चाहिए, क्योंकि यह शरीर के कई अंगों और टिशू को प्रभावित करता है।
शोध के दौरान, अवसाद के हृदय रोग और कैंसर के साथ महत्वपूर्ण संबंध मिले हैं। साथ ही अवसाद से पीड़ित लोगों की जल्दी मृत्यु के कारणों की भी जानकारी मिली है। इस शोध ने कई ऑक्सीडेटिव टेंशन पैरामीटर्स में बढ़ोतरी और एंटीऑक्सीडेंट पदार्थों की कमी के बीच के असंतुलन का खुलासा किया है।
शोध में पहले किए गए करीब 29 अध्ययनों का भी आंकलन किया गया है। इसमें 3,961 लोग शामिल थे। यह पहला ऐसा शोध है, जिसमें शरीर पर अवसाद से पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी दी गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध से अवसाद की रोकथाम और इसके उपचार के लिए नई चिकित्सकीय खोज में मदद मिल सकती है।
यह शोध पत्रिका ‘क्लीनिकल साइकियाट्री’ में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)