Aradhana Singh | Updated: October 13, 2020 05:38 IST
मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है
Parama Ekadashi 2020: 13 (October) अक्टूबर यानि आज अधिक मास की अंतिम एकादशी है, हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं. जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. अधिक मास या मल मास को जोड़कर वर्ष में 26 एकादशी होती है. अधिक मास में दो एकादशी होती है. जो परमा, पद्मिनी और परम एकादशी के नाम से भी जानी जाती है. सभी एकादशी में यह एकादशी विशेष है. माना जाता है कि परम एकादशी पर व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है, भगवान विष्णु ने ही इस मास को अपना नाम दिया है. जिससे कारण इसे पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि सभी व्रतों में एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा फल देने वाला होता है. ये मलमास की आखिरी एकादशी है.
ये एकादशी अधिक मास में पड़ी है, और मलमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो लोग भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करते हैं. भगवान विष्णु उनके सारे दुखों को हर लेते हैं. इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस एकादशी का व्रत करने से आपके घर में सौभाग्य और धन आता है. परम एकादशी के दिन व्रत करने के साथ विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गोदान करने की मान्यता है, इसके साथ ही इस दिन आप ब्राह्मणों को भोजन भी करा सकते हैं.
परम एकादशी को व्रतों में सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है. बहुत से लोग इसे निर्जला भी रखते हैं. जिस दिन से एकादशी की तिथि शुरु होती है उसी दिन से व्रत के नियमों का पालन करना होता है. इस दिन व्रत का संकल्प लेने से पहले स्नान करें और अच्छे और साफ वस्त्र पहन कर पूजा स्थान पर बैठकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा शुरु करें, इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है. व्रत के पारण के बाद दान आदि का कार्य भी करना अच्छा माना गया है.
12 अक्टूबर शाम 04 बजकर 38 मिनट
13 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक समाप्त
व्रत का पारण समय 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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