डायबिटीज़ से बचने के लिए खाने में शामिल करें तिल का तेल
व्रत रखें हैं तो आहार और सेहत का यूं रखें ध्यान...
संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ (Sankat) पूजन व्रत विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
- सकट चौथ के दिन सुबह जल्दी उठें.
- सुबह-सुबह ही स्वयं को शुद्ध करते हुए स्नान करते हैं और भगवान गणेश का स्मरण करते हैं.
- स्नान करने के बाद गणपति का पूजन किया जाता है.
- पूजन के बाद महिलाएं पूरे दिन का निर्जल व्रत रखती हैं.
- पूरे दिन के निर्जल उपवास के बाद शाम को फल-फूल, तिल, गुड़ आदि से गणेश जी विधि-विधान से पूजन किया जाता है.
- गणपति की पूजा में दूब चढ़ाना शुभ माना जाता है.
- इसके बाद चांद को जल चढ़ाकर जल ग्रहण किया जाता है.
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संकष्टी चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi Shubh Muhurt)
माघ कृष्ण संकष्टी चतुर्थी 23 जनवरी को रात 11 बजकर 59 मिनट से शुरू हो कर 24 जनवरी को रात 08 बजकर 54 मिनट तक रहेगी.
Sankashti Chaturthi 2019: सकट चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है
संकष्टी चतुर्थी पर जानें चांद निकलने का समय (Sankashti Chaturthi Moon Rise Time Today)
चंद्रोदय का समय: सकट चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है. तो 24 जनवरी को रात 08 बजकर 02 मिनट चांद निकलने के बाद आप चंद्र को अर्घ्य दे सकती हैं.
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संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Sankashti Chaturthi Significant)
हिंदू धर्म में हर व्रत का अपना अलग महत्व है. ठीक ऐसे ही संकष्टी चतुर्थी का भी अपना ही महत्व है. संकष्टी चतुर्थी का मतलब है संकट हरने वाली चतुर्थी. मान्यता है कि इस दिन यदि गणपति का पूजन और व्रत किया जाए तो सभी दुखों का अंत होता है.
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क्या बनाएं संकष्टी चतुर्थी पर भोग में (Sankashti Chaturthi Food)
कौन नहीं जानता कि हिंदूओं के आदिदेव गणेश को लड्डू बेहद प्रिय हैं. उनके वाहन मूषक के हाथ में भी कई बार लड्डू देखा जाता है. इस दिन आप गणपति को तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं. यह विशेष फल देने वाला माना जाता है. इसके साथ ही साथ यह भी कहा जाता है कि व्रत खोलने से पहले जब आप चांद को जल दे रही हों तो हाथ में भी तिल रखें. मान्यता है कि इस दिन व्रत खोलते समय भी सबसे पहले तिल के लड्डू खाने से व्रत का प्रताप बढ़ता है. इतना ही नहीं इस दिन तिल दान करना भी शुभ माना जाता है.
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Sankashti Chaturthi 2019: इस दिन व्रत खोलते समय भी सबसे पहले तिल के लड्डू खाने से व्रत का प्रताप बढ़ता है.
संकट चतुर्थी के दिन क्या न खाएं
यह तो सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में तामसिक भोजन को नहीं ग्रहण किया जाता. खासकर व्रत वाले दिन तामसिक आहार न लें. संकट चतुर्थी के दिन इस दिन तिल का दान करना चाहिए. इसके साथ ही साथ यह मान्यता है कि संकट चतुर्थी के दिन कंद-मूल का सेवन नहीं करना चाहिए. कंद मूल वह चीजे हैं जो जमीन के अंदर होती हैं जैसे प्याज, गाजर, शलगम, लहसुन, मूली वगैरह.
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