डेंगू अगर दोबारा हो, तो इसे न करें नज़रअंदाज

डेंगू अगर दोबारा हो, तो इसे न करें नज़रअंदाज

नई दिल्ली:

अकसर हम न्यूज़ में पढ़ते हैं कि सीज़न में होने वाला बदलाव कई बीमारियां अपने साथ लेकर आता है। इसके चलते लोग बुखार, मलेरिया, डेंगू आदि से जुझते हैं। डेंगू एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो व्यक्ति को कमजोर बनाते हुए उसकी मौत का कारण भी बन सकती है। अगर आपको पहले डेंगू हो चुका है, तो इसके दूसरे हमले से सावधान रहें, क्योंकि यह पहले से ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।

डेंगू की हैं कई सारी किस्म

डेंगू चार किस्म का होता है और हर किसी के जीवन में उसे चार बार डेंगू हो सकता है। बार-बार होने वाला डेंगू जानलेवा हो सकता है। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को मलेरिया भी साथ में हो सकता है। यह दोनों मिल कर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम कर सकते हैं, जिससे समस्या ज़्यादा बढ़ सकती है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने बताया कि “डेंगू के मौसम में बुखार आने पर एस्प्रिन नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे ब्लीडिंग शुरू हो सकती है”। उन्होंने कहा कि डेंगू होने पर बुखार ठीक होने के दो दिन के अंदर जो भी समस्याएं हों, जैसे पेट में दर्द, चक्कर आना या कमजोरी, तो डॉक्टर के पास जाएं।

डेंगू में समस्याओं का कारण खून के गाढ़ेपन में बदलाव एक वज़ह हो सकता है। ऐसे में मरीज को काफी मात्रा में तरल पदार्थ लेने की ज़रूरत होती है, साथ ही उसे ड्रिप चढ़ाने की भी ज़रूरत पड़ सकती है। लेकिन ऐसा भी तब तक करने की ज़रूरत नहीं होती, जब तक मूल प्लेट्लेट्स दो प्रतिशत न रह जाएं।
 


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