जिम से नहीं अब इस सर्जरी से कम होगा वज़न, जानें और भी फायदे

जिम से नहीं अब इस सर्जरी से कम होगा वज़न, जानें और भी फायदे

लंदन:

क्या आप भी अपने मोटापे से परेशान हैं? मोटापा छुपाने के लोखों जतन के बावजूद भी मोटापे से छुटकारा नहीं मिल रहा? इसी बात को लेकर आज लाखों लोग परेशान है और इस समस्या का हल ढूंढने में ज़मीन आसमान एक कर रहे हैं। ताकि मोटापे को कम करके स्वस्थ बना जा सके। इस बात से शायद ही आज कोई अंजान हो कि मोटापा हजारों बीमारियों को जन्म देता है। ऐसे में क्यों न जड़ को की खत्म करने की कोशिश की जाए।

मोटापा कम करने के लिए लोग कई तरह के फॉर्मूले अपना रहे हैं। कोई ट्रैड मिल पर दौड़ता नज़र आ जाता है, तो कई कोई पार्क में भागता। कोई डाइट से अपने मोटापे को छुपाने की कोशिश में है, तो कोई ढीले कपड़े पहन कर अपना मोटापा छुपा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं, यह कोई स्थाई इलाज़ नहीं है।

इन सभी के अलावा मोटापे ने मृत्यु दर को भी बढ़ावा दिया है। बढ़ता मोटापा अकेला नहीं आता, अपने साथ अनेक बीमारियों को लेकर आता है, ऐसे में मृत्यु का खतरा सामान्य व्यक्ति से कई गुना ज़्यादा बढ़ जाता है। मोटापे से ग्रस्त मरीज जो वजन कम करने के लिए सर्जरी कराते हैं, उनकी मोटापे की वजह से मरने की आशंका सर्जरी नहीं कराने वालों की तुलना में कम रही है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटापे की वजह से दिल का दौरा पड़ने, मस्तिष्काघात और कई तरह के कैंसर जैसी बीमारियों से मौत का खतरा रहता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि वजन कम करने वाली सर्जरी के परिणाम से पता चलता है कि वह मोटापा से जुड़ी मौत के साथ-साथ अस्वस्थता को भी रोक देता है।

अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि जिन समूह की मोटापे की सर्जरी नहीं कराई गई उनमें मरने वाले मरीजों का प्रतिशत 4.21 था, जबकि जिस समूह का मोटापा कम करने का ऑपरेशन किया गया उनमें मरने वालों का प्रतिशत 1.11 था।

जिनका ऑपरेशन किया गया उस समूह पर 5.4 साल तक नजर रखी गई जबकि जिनकी सर्जरी नहीं की गई उन पर 5.5 साल तक नजर रखकर यह औसत निकाला गया।

मरने वाले समूह में हृदय रोग और कैंसर मौत का सबसे सामान्य कारण था।

उम्र को विचार करने, पहले की बीमारी और सेक्स, हृदय रोग, दिल के वाल्व से जुड़ी बीमारी, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल का दौरा पड़ना, मस्तिष्काघात सहित अन्य कारकों पर विचार करने के बावजूद जिनकी सर्जरी की गई उनकी मौत में कुल मिलाकर 57 फीसदी की कमी आई।

स्वीडन के गोटेनबर्ग यूनिवर्सिटी की क्रिस्टीना पर्सन ने कहा, "अध्ययन से संकेत मिलता है कि मोटे लोग जो वज़न कम करने के लिए सर्जरी कराते हैं उनमें और जो मोटापा कम करने के लिए सर्जरी नहीं कराते उनकी तुलना में मौत के कारण कम होते हैं। यह अंतर मुख्य रूप से हृदयवाहिनी से जुड़ी बीमारी और कैंसर की वजह से है।

इस अध्ययन में 48 हजार 693 मोटे मरीजों को शामिल किया गया। इनकी उम्र 18 से 74 साल के बीच थी। इनमें से 22 हजार 581 ने वज़न कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी कराई थी जबकि अन्य 26 हजार 112 लोगों ने सर्जरी नहीं कराई थी।

इस अध्ययन का परिणाम हाल में स्वीडन में आयोजित यूरोपीयन ओबेसिटी समिट 2016 में पेश किया गया था।

(इनपुट्स आइएएनएस से)
 


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