बथुआ क्या है? इस हरे पत्तेदार सब्जी को अपनी सर्दियों डाइट में जरूर करें शामिल

इस मौसम में हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन खूब चाव से किया जाता है, इन्हीं शानदार सब्जियों में शामिल है बथुआ.

बथुआ क्या है? इस हरे पत्तेदार सब्जी को अपनी सर्दियों डाइट में जरूर करें शामिल

खास बातें

  • इस सीजन की सबसे बड़ी विशेष चीज है साग.
  • इस मौसम में हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन खूब चाव से किया जाता है.
  • इन्हीं शानदार सब्जियों में शामिल है बथुआ.

फाइनली सर्दियों ने दस्तक दे दी है और हर कोई अपने आहार में मौसमी सब्जी जोड़ता है. इस सीजन की सबसे बड़ी विशेष चीज है साग. मेथी, सरसों से लेकर शलगल के ताजे हरे पत्तों तक के साग को इस मौसम में खाए बिना रहना काफी मुश्किल होता है. इस मौसम में हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन खूब चाव से किया जाता है, इन्हीं शानदार सब्जियों में शामिल है बथुआ. बथुए की खेती दुनिया भर में सीमित क्षेत्रों में की जाती है. कुछ हिस्सों में लैंब क्वार्टर, मेल्ड, गोज़फ़ूट पिग्वेड और फैट-हेन के रूप में भी जाना जाता है. भारत में बथुए की खेती बड़े स्तर पर की जाती है.

बथुआ भारत के पाक इतिहास में काफी महत्व रखता है. इसके प्राचीन मौसमी हरे रंग को ध्यान में रखते हुए, बथुए को अन्य साग की तरह ही तैयार किया जाता है, इसके समृद्ध स्वाद और स्वास्थ्य गुणों को देखते हुए व्यापक रूप से इसका सेवन किया जाता है. बथुए के साग की सबसे ज्यादा खेती राजस्थान और हिमाचल के क्षेत्रों में होती है, जहां से देश भर में साग पहुँचाया जाता है. बथुआ के पत्ते सर्दियों के महीनों में 4,700 मीटर तक की ऊंचाई पर विशेष रूप से पाए जाते हैं. यहां हम आपको बताते हैं मौसम निकलने से पहले आपको इसका सेवन क्यों करना चाहिए.

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बथुए के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ

बथुआ के पत्ते कई पोषण गुणों से भरे होते हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंंद हो सकते हैं. बथुआ आवश्यक खनिजों और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है. यह विटामिन ए, सी और बी जटिल विटामिन का एक पावरहाउस है. इसके पत्ते अमीनो एसिड का भी एक अच्छा स्रोत हैं. सेल फ़ंक्शन और सेल की मरम्मत में अमीनो एसिड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हमारी कोशिकाओं, मांसपेशियों और ऊतकों का एक बड़ा हिस्सा अमीनो एसिड से बना है. बथुए में आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं. फाइबर और पानी की मात्रा से भरपूर, बथुआ कब्ज को ठीक करता है और पाचन में सहायता करता है साथ ही आंतों की गतिविधियों को भी बढ़ाता है.


तैयारी


बथुए का स्वाद थोड़ा नमकीन होता है और इसकी तुलना पालक से की जा सकती है.आप इसे कई तरीकों से तैयार कर सकते हैं. पारंपरिक और सबसे अधिक पसंद की जाने वाली तैयारी में गरमागरम बथुए का साग, जिसे घी से बनी रोटियों के साथ सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. मेन कोर्स में बनाने के अलावा आप इससे रायता या फिर पराठा भी बना सकते हैं. इतना ही नहीं आप इसे अपने सूप में भी मिला सकते हैं. बथुआ के बीज को लोग अपनी सर्दियों की डाइट में भी शामिल करते हैं. इन बीजों को आटे में मिलाया जा सकता है, जिससे बाद में रोटियां या पराठे बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. पालक और मेथी के अलावा भी ऐसी बहुत ही हरी पत्तेदार सब्जियां है, जिन्हें आपको देखने की जरूरत है और बथुआ उन्हीं में से एक है.
 

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