दिल्ली की वेट मैनेजमेंट एक्सपर्ट गार्गी शर्मा का कहना है, "अगर सफेद चावलों की पॉलिश प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया जाता है, तो इसकी एल्यूरन परत हट जाती है जिससे पोषक तत्वों की हानि होती है। इस परत में विटामिन-बी, दूसरे पोषक तत्व और जरूरी फैट आदि होते हैं।" देखा जाए तो सफेद चावल मुख्य रूप से स्टार्च है। पॉलिश की प्रक्रिया के दौरान इसमें से कुछ पोषक तत्व जैसे थियामिन जो कि बी-1 के नाम से भी जाना जाता है और विटामिन-बी कम हो जाते हैं। पोषक तत्वों के बिना अगर इन्हें डाइट में शामिल किया जाए, तो इससे बेरीबेरी नामक रोग होने की संभावना बनी रहती है। यह थियामिन की कमी के कारण होता है। यही नहीं कई बार सफेद चावल व्यक्ति के शरीर को भी कई तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं, साथ ही मैटाबॉलिक परेशानी- डायबीटिज़, मोटापा और कई बीमारियों को बढ़ावा देते हैं।
दिल्ली के साकेत, मैक्स हेल्थकेयर की डॉ. रीतिका सम्मद्दार का मानना है कि चावल पर की गई पॉलिश विटामिन बी-3 को 67 प्रतिशत, बी-1 को 80 प्रतिशत, बी-6 को 90 प्रतिशत, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस को आधा तथा आयरन का 60 प्रतिशत भाग समाप्त कर देती है। यही नहीं, कच्चे चावल में मौजूद फाइबर और जरूरी फैटी एसिड (वसायुक्त अम्ल) को भी खत्म कर देती है।" यह सब चेतावनियां सफेद चावलों से दूरी बनाएं रखने की ही सलाह देती हैं, जो कि लोगों के लिए काफी मुश्किल काम है। ऐसे में रंगीन चावल हेल्दी ऑप्शन है।
रेड, ब्राउन और ब्लैक हैं हेल्दी - White Rice, Brown Rice Or Red Rice
ब्राउन और रेड चावलों को पैदा करने की प्रक्रिया से लेकर पोषक तत्व तक सब कुछ एक जैसा होता है। ये चावल या तो कम छिले होते है, या फिर बिना छिले। इसका मतलब खाते टाइम इनमें मौजूद चोकर को काफी देर तक चबाना पड़ता है, जो कि सेहत के लिए लाभदायक होता है। ब्राउन चावल देश-दुनिया में आसानी से मिल जाता है, वहीं रेड चावल हिमालय पर्वत, दक्षिण तिब्बत, भूटान और दक्षिण भारत में ही मिल पाता है।
डॉ. गार्गी शर्मा के मुताबिक,"जब हम पोषक तत्वों की बात करते हैं, तो ब्राउन और रेड चावल में कोई विभिन्नता नजर नहीं आती। दोनों ही फाइबर, विटामिन बी, कैल्शियम, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम, सैलीनियम और अन्य पोषक तत्वों के बड़े स्रोत हैं। ब्राउन चावलों की तुलना में रेड चावल में ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि हानिकारक कणों से लड़ने में मदद करते हैं”।
क्यों खाएं ब्राउन और रेड चावल - Brown Rice For Weight Loss
रेड चावल में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है, जिसे एंथोसाइएनिन्स भी कहते हैं। यह एंथोसाइएनिन्स गहरे बैंगनी और लाल रंग के फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं। यह शरीर में होने वाली जलन, एलर्जी, कैंसर के खतरे कम और वजन को सही बनाए रखने में मदद करता है। मैगनीज दोनों प्रकार के चावलों में पाया जाता है। यह मैटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने, माइग्रेन को सुधारने, बल्ड प्रेशर कम करने के साथ-साथ हार्ट अटैक के खतरे को घटाने में मदद करता है।
वहीं, मैग्नीशियम और कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करने, ऑस्टियोपरोसिस, गठिया जैसे रोगों को ठीक करने में सहायक होते हैं। यही नहीं, चावलों में मौजूद सैलीनियम बॉडी में होने वाले इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा, धीमे चल रही पाचन तंत्र का मजबूत बनाने में फाइबर सहायक होता है। यही नहीं, ब्लड शुगर में बदली कार्ब को भी फाइबर धीरे-धीरे कम कर देता है इसलिए फाइबर युक्त खाना लो-ग्लाइसेमिक होता है।
एक्सपर्ट की मानें तो रेड और ब्राउन चावल डायबीटिज़ पीड़त और हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं। साबुत अनाज की तरह गिने जाने वाले यह चावल आर्टीरिअल प्लाक (आर्ट्री में पाया जाने वाला मैल) को कम करने, हृदय संबंधित परेशानी, हाई कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करने और ब्लड शुगर ठीक करने में मदद करते हैं।
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हाल ही में हुई स्टडी के अनुसार रोज अपनी डाइट में एक कप ब्राउन चावल शामिल करने से 60 प्रतिशत डायबीटीज़ का रिस्क कम हो जाता है। कुछ अन्य अध्ययन के अनुसार ब्राउन चावल में पाए जाने वाले फैटिक एसिड जैसे कुछ अन्य तत्व व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
इसी बात को साफ करते हुए डॉ. गर्गी शर्मा बताती हैं कि फैटिक एसिड आयरन और कैल्शियम का शोषण रोक देते हैं। ऐसा केवल तब होता है जब ब्राउन चावल के साथ आयरन और कैल्शियम का सेवन किया जाता है। ऐसे में आयरन और कैल्शियम युक्त खाना खाते समय ब्राउन चावल की खपत को लेकर थोड़ा सचेत रहने की जरूरत होती है।"
इन्हें खाने से करें परहेज- Avoid When Trying to Lose Weight
चमकीले काले चावलों को जब पकाया जाता है, तो वे पर्पल रंग में बदल जाते हैं। देखने के साथ खाने में भी इनका फर्क पता चलता है। इसी खासियत की वजह से काले चावल ब्राउन और रेड चावल को पीछे छोड़ रहे हैं। इनमें फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, फाइटोकैमिकल्स, विटामिन ई, प्रोटीन, आयरन, और अन्य पोषक तत्व होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह लिवर, किडनी और पेट के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें एंथोसाइएनिन की मात्रा अधिक होती है, जो कि कैंसर के खतरों से बचाती है। दिल और शुगर के मरीज इसकी कम चीनी और ग्लाइसमिक ख़ासियत की वजह से अपनी डेली डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं। यही नहीं, हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए भी काले चावल बेहतर ऑप्शन है।
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अमेरिका की लूइजिआना यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर, फूड साइंटिस्ट डॉ. झिमिन जू का कहना है कि महज एक चम्मच काले चावल के छिलके में एक चम्मच ब्लूबेरीज से ज्यादा एंथोसाइएनिन होता है। इसके अलावा, इनमें कम चीनी, ज़्यादा फाइबर, विटामिन ई, एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं।
40 हजार से भी ज़्यादा वैरायटी में पाए जाने वाले चावलों को दुनिया के हर कोने में इस्तेमाल किया जाता है। एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए अच्छे खाने और पोषक तत्वों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। ऐसे में पता लगाएं कि आपकी हेल्थ के लिए कौन से पोषक तत्व बेहतर हैं और उन्हें अपने डेली डाइट में शामिल करें।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)