नई दिल्ली: कई ऐसी बीमारियां हैं, जो आज के समय में लोगों को कम उम्र में हो रही हैं। डायबिटीज़, दिल की समस्याएं, तो आम बीमारियां हो गई हैं। अस्वस्थ जीवनशैली और अनहेल्दी डाइट, ये दोनों वज़हें इन समस्याओं का सबसे बड़ा कारण हैं। युवा पीढ़ी आज के समय में जितना अनहेल्दी फूड अपनी डाइट में शामिल कर रही है, उतना ही इन बीमारियों से घिरती जा रही है।
देश की युवा पीढ़ी अनहेल्दी लाइउस्टाइल के चलते अब ज़्यादा सावधान रहने लगे हैं और वह समय से पहले नैदानिक जांच एवं एहतियाती मदद के लिए डॉक्टरों के पास पहुंचने लगे हैं। भविष्य में भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दूरगामी सकारात्मक प्रभाव डालने का संकेत देने वाली हाल की एक रिपोर्ट कहती है कि 20 से 45 वर्ष के उम्र के लोग जीवनशैली जनित रोगों के रोकथाम के लिए सक्रियता से डाक्टरों से संपर्क करते हैं और बड़ी संख्या में लोग यौन या मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञों के पास पहुंचते हैं।
ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श मंच लाइब्रेट ने इस साल एक जनवरी से अब तक उसके मंच पर हुए सात करोड़ संपर्कों का विश्लेषण कर रिपोर्ट जारी की है। इन संपर्कों में प्रयोगशाला परीक्षण की बुकिंग भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार युवाओं के दिमाग में जो सात जीवनशैली मुद्दे घूमते रहते हैं, जिनसे वे दूर रहना चाहते हैं, वे है डायबिटीज़, हृदयरोग, कैंसर, हाइपरटेंशन आदि। ज़्यादातर संपर्क रोकथाम के सिलसिले में थे। लेकिन इन रोगों से ग्रस्त लोगों द्वारा इलाज के वास्ते संपर्कों में भी अच्छी खासी वृद्धि हुई है।
(इनपुट्स भाषा से)
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