दिल्ली के वायु प्रदूषण में हुआ सुधार, फिर भी है बहुत खराब

दिल्ली के वायु प्रदूषण में हुआ सुधार, फिर भी है बहुत खराब

नई दिल्ली:

दिल्ली के वायु प्रदूषण ने जबसे लोगों को अपनी चपेट में लिया है, तभी से सरकार इसे सुधारने के नए-नए तरीकों पर गौर कर रही हैं। तरह-तरह की बीमारियों से परेशान लोगों ने जहां एक ओर खुद को इससे बचाने के लिए मास्क पहनने शुरू किए हैं, वहीं, इसकी गुणवत्ता में अभी भी कोई सुधार नहीं आ पाया है। हालांकि अब इसकी स्थिति थोड़ी ठीक हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एनएक्यूआई) के अनुसार 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 रहा (400 से अधिक का सूचकांक वर्गीकरण के अनुसार गंभीर माना जाता है)। विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे दोनों श्रेणियों में थोड़ा अंतर है, लेकिन दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण की आम तीव्रता ऐसी है कि गंभीर से कुछ भी कम को राहत समझा जाता है।

केंद्रीय एजेंसी सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के एक निगरानी केंद्र को छोड़कर बाकी सभी के अनुसार वायु की गुणवत्ता बहुत ही खराब है। सिर्फ लोधी रोड स्थित केंद्र के अनुसार पीएम 10 मध्यम और पीएम 2.5 का स्तर खराब था।

सीपीसीबी के मानकों के अनुसार काफी खराब गुणवत्ता वाली हवा में लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी रोग हो सकता है। जबकि गंभीर एक्यूआई स्वस्थ व्यक्ति पर भी असर डालता है, साथ ही यह पहले से ही बीमार व्यक्तियों पर ज़्यादा बुरा असर डालता है।
(इनपुट्स भाषा से)
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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