लंदन: वैसे तो ई-सिगरेट के प्रचार का उद्देश्य लोगों की धूम्रपान की लत छुड़ाना होता है, लेकिन ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रचार टीनेजर्स में ई-सिगरेट को बढ़ावा दे सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि ई-सिगरेट के प्रचार का प्रभाव टीनेजर्स के दिल और दिमाग पर लंबे समय तक रहता है, जिसकी वज़ह से वे इसका इस्तेमाल भविष्य में कर सकते हैं।
इस शोध के चलते वैज्ञानिकों ने स्कॉटलैंड के चार स्कूलों के करीब 11 से 18 साल के 3,808 स्टूडेंट्स पर अध्ययन किया। शोध के दौरान पता चला कि जो टीनेजर्स ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर चुके थे, उन्होंने इसका दोबारा इस्तेमाल केवल एक या दो बार किया। वह इसके नियमित उपभोक्ता नहीं थे। वहीं पूर्व में तंबाकू का सेवन कर चुके युवाओं में ई-सिरगेट के प्रयोग की संभावना अधिक देखी गई।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ स्टिरलिंग से कैथरीन बेस्ट ने बताया कि “स्वास्थ्य पॉलिसी मेकर्स के लिए यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि धूम्रपान का सेवन करने वाले युवाओं के लिए ई-सिगरेट के प्रचार को संतुलित बनाया जाए। ऐसा करने से युवा इससे थोड़ा दूर रह सकेंगे”।
यह शोध ‘बीएमसी पब्लिक हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)