वैज्ञानिकों ने की प्लास्टिक वाले बैक्टीरिया की खोज

वैज्ञानिकों ने की प्लास्टिक वाले बैक्टीरिया की खोज

वाशिंगटन:

जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार के जीवाणु (बैक्टीरिया) की खोज की है, जो प्लास्टिक को कम करने की क्षमता रखते हैं। यह जीवाणु अपने दो एंजाइमों का उपयोग कर प्लास्टिक के मोलेक्यूल्स (अणुओं) तोड़ सकते हैं। पांच साल तक सूक्ष्म जीवों और प्लास्टिक पर अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने इस विशेष प्रकार के जीवाणु का पता लगाया है। 'इडोनेल्ला सकैंसिस' नामक यह जीवाणु पॉलीथीन, टेरेफथैलेट और बोतलों में प्रयोग होने वाली सामान्य प्लास्टिक पीईटी को खत्म करने या कम करने की क्षमता रखता है। 

प्लास्टिक से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों पर गौर करें, तो केवल 2013 में पीईटी का वैश्विक उत्पादन 56 मिलियन टन रहा था, जो कि एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या है। 

आई सकैंसिस पहला ऐसा जीवाणु है, जो पीईटी को कम करने में सक्षम है। 

अध्ययन के अनुसार, आई सकैंसिस 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर छह सप्ताह में पीईटी की एक पतली झिल्ली को लगभग पूरी तरह से तोड़ सकता है। 

क्योटो यूनिवर्सिटी ने इस जीवाणु के डीएनए में एक विशेष प्रकार के जीन की पहचान की है, जो प्लास्टिक के खत्म करने वाले एंजाइम के लिए जिम्मेदार होता है। इसकी खोज से नए एंजाइम के विकास और प्रयोगशाला में पीईटी विघटन को सफलतापूर्णक अंजाम दिया जा सकेगा। 

 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)