ध्यान दें: अनाज को कीड़ों से बचाने वाली दवाएं कर सकती हैं कैंसर कोशिकाओं को नष्ट

ध्यान दें: अनाज को कीड़ों से बचाने वाली दवाएं कर सकती हैं कैंसर कोशिकाओं को नष्ट

नई दिल्ली:

आमतौर पर अनाजों को कीड़ों से बचाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब कैंसर और बैक्टीरिया से होने वाले रोगों के इलाज में भी यह दवाएं कारगर हो सकती है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। शोधाकर्ताओं ने इसे साबित करने के लिए 'नाइसिन' के एंटी-कैंसर गुणों पर अपना शोध केंद्रित किया है। नाइसिन एक प्रकार का कलरलेस, बिना स्वाद वाला सूखा चूर्ण होता है, जोकि सामान्य रूप से अनाजों को संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योवन कपिला के अनुसार, “नाइसिन का खाद्य संरक्षण के अलावा भी उपयोग किया जा सकता है”। इसे साबित करने के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों को नाइसिन युक्त आहार दिया। इस दौरान उन्होंने चूहों को प्रत्येक चरण में नाइसिन की अलग-अलग मात्राएं दीं। नौ महीने बाद उन्होंने देखा कि चूहों को नाइसिन युक्त मिल्कशेक देने से उनके दिमाग की 70-80 प्रतिशत ट्यूमर कोशिकाएं मर गई।
 


शोधकर्ताओं ने बताया कि नाइसिन युक्त 800 मिलीग्राम आहार कैंसर कोशिकाओं को मारने में सक्षम है। नाइसिन घातक बैक्टीरिया जैसे एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ‘एमआरएसए’ से भी लड़ने में मदद करता है। कपिला का कहना है कि “यह निष्कर्ष अपर्याप्त हैं और केवल चूहों पर ही आधारित है। मानव शरीर पर इसे करना जल्दबाजी होगी”।
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यह शोध पत्रिका ‘एंटीमाइक्रोबॉयल कीमोथेरेपी’ के अगले अंक में प्रकाशित किया जाएगा।