कण-कण में वो करे निवास,
गोपियों संग वो रचाये रास,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे हमारे किसन कन्हैया.
Happy Janmashtami 2019
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जो माखन चोर कहलाया,
बंसी बजाकर जिसने सबको नचाया,
चलो मनाएं उनका जन्मदिन,
जिसने दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया.
Happy Janmashtami 2019
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नन्द के घर आनन्द भयो,
जय कन्हैया लाल की,
जो नन्द के घर गोपाल गयो,
जय कन्हैया लाल की,
जय मुरलीधर गोपाल की,
जय हो कन्हैया लाल की.
Happy Janmashtami 2019
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भगवान कृष्ण के जन्म दिवस को हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के पर्व के तौर पर मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंकर के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म श्रावण मास के आठवें दिन यानी अष्टमी पर मध्यरात्रि में हुआ था. भारतीय धर्म शास्त्रों में कहा गया है जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं. इसी तरह द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है जिन्होंने देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में जन्म लिया और मथुरावासियों को निर्दयी राजा कंस के शासन से मुक्ति दिलाई. भले ही श्रीकृष्ण के माता-पिता देवकी और वासुदेव थे लेकिन बचपन से ही उनका पालन-पोषण यशोदा और नंद ने किया था. ऐसी भविष्यवाणी की गई थी कि देवकी और वासुदेव का आठवां पुत्र कंस की मृत्यु का कारण बनेगा.
वृंदावन में श्रीकृष्ण एक नटखट बालक थे, जिसे गांव में उनकी शरारतों के लिए जाना जाता था. श्रीकृष्ण को बचपन से ही मक्खन बेहद पंसद था. कहा जाता है कि मैया यशोदा हर रोज खुद अपने हाथों से माखन मिश्री बनाकर श्रीकृष्ण खिलाती थीं लेकिन श्रीकृष्ण को माखन इतना पंसद था कि वह पूरे गांव में मथा हुआ माखन चुराकर खाते थे. श्रीकृष्ण को माखन चुराने से रोकने के लिए एक बार उनकी मां ने उन्हें एक खंभे से बांध दिया था.
क्यों कहा जाता है कृष्ण को माखनचोर
श्रीकृष्ण की इस हरकत के चलते उनका नाम माखन चोर पड़ा और जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उनके भक्त मुख्य भोग के तौर पर उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाते हैं. इसके अलावा भगवान के लिए छप्पन भोग भी बनाया जाता है जिसमें 56 तरह की खाने की कई चीजें शामिल होती हैं. भगवान को भोग लगने के बाद इन सभी चीज़ों को भक्तों में बांटा जाता है और इस प्रसाद को ग्रहण करने बाद वे अपना व्रत तोड़ते हैं.
माना जाता है छप्पन भोग में श्रीकृष्ण के पंसदीदा व्यंजन होते हैं जिसमें अनाज, फल, ड्राई फ्रूट्स, मिठाई, पेय पदार्थ, नमकीन और आचार की श्रेणी में आने वाले आठ प्रकार की चीजें होती हैं. छप्पन भोग में सामान्य रूप से माखन मिश्री खीर और रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, मठरी, मालपुआ, मोहनभोग, चटनी, मुरब्बा, साग, दही, चावल, दाल, कढ़ी, घेवर, चीला, पापड़, मूंग दाल का हलवा, पकोड़ा, खिचड़ी, बैंगन की सब्जी, लौकी की सब्जी, पूरी, बादाम का दूध, टिक्की, काजू, बादाम, पिस्ता जैसी चीजें शामिल होती हैं. अगर भक्त भगवान को छप्पन भोग प्रसाद में नहीं चढ़ा पाते हैं तो माखन मिश्री एक मुख्य भोग है जो आमतौर पर जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण को चढ़ाया जाता है.
कैसे बनाएं माखन मिश्री | How To Make Makhan Mishri Prasad At Home
माखन मिश्री बनाने में बेहद ही आसान है. इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ बिना नमक वाली मलाई और मिश्री के दानों की जरूरत होती है. आप फुल क्रीम दूध से भी मलाई इकट्ठा कर सकते हैं. कुछ दिनों तक आप दूध की मलाई को इकट्ठा करते रहें. जब आपके पास काफी सारी मलाई हो जाए तो इसे ठंडे पानी की मदद से मथे मलाई से मक्खन अलग होने लगेगा. मलाई को मथना जारी रखें जब तक मक्खन पूरी तरह अलग न हो जाए. मक्खन को इकट्ठा करके एक घंटे तक फ्रीज में ठंडा होने के लिए रख दें. कुछ मिश्री के दाने और ड्राई फ्रूट्स डालकर अब आप इसे भगवान को भोग लगा सकते हैं.
Happy Krishna Janmashtami 2019!
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