गौर करें! मछली के तेल और विटामिन डी से दूर नहीं होगा गठिया

गौर करें! मछली के तेल और विटामिन डी से दूर नहीं होगा गठिया

कैनबरा:

ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने चिकित्सीय परीक्षण में मछली के तेल और विटामिन डी को ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी गठिया के उपचार के लिए कारगर नहीं माना है। एक समाचार एंजेसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ तस्मेनिया मेन्जीस के शोध दल ने देखा है कि विटामिन डी और मछली का तेल व्यापक रूप से घुटने की सॉफ्ट बोन की क्षति और सूजन को कम करते हैं, लेकिन इसका एनाथ्रोसिस (एक बॉल और सॉकेट का जोड़) में सूजन यानी ऑस्टियोआर्थराइटिस पर कोई अलग प्रभाव नहीं पाया गया है। 

ऑस्टियोआर्थराइटिस 60 साल से अधिक उम्र के 10 प्रतिशत पुरुषों और 13 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है। 

ज्वाइंट-रिप्लेसमेंट सर्जरी और दर्द की सामान्य दवाओं के अलावा इस पुरानी बीमारी का कोई इलाज नहीं है। 

इस शोध के लिए ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों ने 413 रोगियों को दो भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें एक समूह को विटामिन डी और दूसरे समूह को प्लेसबो (एक प्रकार की दवाई) की चिकित्सा दी गई। 

दो सालों के परीक्षण के बाद विशेषज्ञों ने देखा कि दोनों ही समूह के रोगियों के घुटनों में प्रत्यक्ष रूप से अंतर नहीं मिला। 

इस अध्ययन के मुख्य लेखक डिंग चंघाई ने बताया, "यह आंकड़े बताते हैं कि विटामिन डी अनुपूरक को ऑस्टियोआर्थराइटिस रोग को कम करने या इस दौरान होने वाले दर्द को कम करने में बहुत कम सबूत हैं।"

उन्होंने कहा, "ऑस्टियोआर्थराइटिस रोग पर विटामिन डी के प्रभावों के आकलन के तहत यह शोध विश्व में सबसे बड़ा शोध है।" 

यह शोध पत्रिका जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित किया गया है। 

 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)