Krishna Janmashtami: क्या है चरणामृत या पंचामृत, इसका महत्व, कैसे बनाएं चरणामृत, यहां है रेसिपी...

चरणामृत या पंचामृत 5 चीजों से मिलकर बनाया गया एक मीठा पेय होता है. यही वजह है कि इसे पंचामृत भी कहा जाता है.

Krishna Janmashtami: क्या है चरणामृत या पंचामृत, इसका महत्व, कैसे बनाएं चरणामृत, यहां है रेसिपी...

जन्माष्टमी का इंतजार बच्चे और बड़े सभी करते हैं. साल 2020 में जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जा रही है. जन्माष्टमी नंद के लाल श्री कृष्ण के जन्मदिन पर मनाई जाती है. इस दिन हम सभी धूम-धाम Janmashtami मनाते हैं. कृष्ण भक्तों के लिए जन्माष्टमी बेहद खास होती है. इस दिन ज्यादातर कृष्ण भक्त निर्जल व्रत रखते हैं. दिन भर भूखे प्यासे रहने के बाद पूरे विधि-विधान से कान्हां के जन्म के बाद चरणामृत या पंचामृत से इस उपवास को तोड़ा जाता है. चरणामृत या पंचामृत 5 चीजों से मिलकर बनाया गया एक मीठा पेय होता है. यही वजह है कि इसे पंचामृत भी कहा जाता है. 'पंच' संस्कृत का शब्द है, जिसका मतलब होता है पांच और अमृत का मतलब है वह पेय जो मृत्यु से मुक्ति दिलाए. 



 

चरणामृत या पंचामृत बनाने की विधि- 

पंचामृत बनाने की सामग्री-
500 ग्राम दूध
एक कप दही
4 तुलसी के पत्ते
1 चम्मच शहद
1 चम्मच गंगाजल

यह भी ले सकते हैं-

100 ग्राम चीनी (पिसी हुई)
एक चम्मच चिरौंजी
2 चम्मच मखाने
1 चम्मच घी


जानिए पंचामृत कैसे बनता है/ विधि- (Charnamrit Recipe in Hindi)

सबसे पहले अपने मन में पवित्र भाव लाएं. कान्हां को याद करें और हरे कृष्ण बोलकर एक साफ बर्तन लें. मन में भगवान का नाम रटते हुए इसमें दूध ड़ालें और इसके बाद इसमें शहद मिला लें. एक-एक करेके इसमें तुलसी, शहद, गंगाजल ड़ालें. दही का इस्तेमाल अंत में करें. भोग के लिए आपका चरणामृत या पंचामृत तैयार है. अब आप चाहें तो इसमें चीनी, चिरौंजी, मखाने और पिघला हुआ घी ड़ाल लें.

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